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अमेरिका के 50% टैरिफ का भारतीय दवा उद्योग पर प्रभाव

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा का दवा उद्योग पर गहरा असर पड़ सकता है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दवा निर्यात का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका को जाता है। यदि यह टैरिफ लागू होता है, तो दवा कंपनियों की आय में गिरावट संभव है। जानें इस निर्णय के संभावित परिणाम और विशेषज्ञों की राय।
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अमेरिका के 50% टैरिफ का भारतीय दवा उद्योग पर प्रभाव

ट्रंप का टैरिफ और दवा व्यापार

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा का प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह अमेरिका पर भी गंभीर असर डालेगा। खासकर, दवा उद्योग इस निर्णय से सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है।


स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत का लगभग 40 प्रतिशत दवा निर्यात अमेरिका को जाता है। यदि भारतीय दवा निर्यात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होता है, तो अगले वित्तीय वर्ष में दवा कंपनियों की आय में 5 से 10 प्रतिशत की कमी आ सकती है। कई भारतीय फार्मा कंपनियां अपने कुल राजस्व का 40 से 50 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी बाजार से प्राप्त करती हैं।


आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत का लगभग 40 प्रतिशत दवा निर्यात अमेरिका को हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2024 में अमेरिका के कुल दवा आयात में भारत की हिस्सेदारी 6 प्रतिशत थी। विशेषज्ञों का मानना है कि 50 प्रतिशत टैरिफ से भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता में कमी आएगी और लाभ मार्जिन पर दबाव बढ़ेगा, क्योंकि कंपनियां बढ़ी हुई लागत का पूरा बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाल पाएंगी।