अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लागू, जानें प्रभावित क्षेत्रों की सूची

भारत पर नया टैरिफ लागू
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जो आज से प्रभावी हो गया है। यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल और हथियारों की खरीद के खिलाफ उठाया गया है। इस निर्णय के बाद, भारत अब उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन पर अमेरिका ने 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें ब्राजील भी शामिल है।
टैरिफ का प्रभाव
50% टैरिफ का असर: यह टैरिफ दो चरणों में लागू किया गया है और यह भारत के लगभग दो-तिहाई वस्तु व्यापार को प्रभावित करेगा। इससे भारत के 12 प्रमुख निर्यात क्षेत्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। क्रिसिल रेटिंग्स ने इस टैरिफ के बारे में चेतावनी जारी की है। जुलाई में 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा की गई थी, जिसके बाद अगस्त में एक और 25 प्रतिशत शुल्क जोड़ा गया। अमेरिका का कहना है कि यह निर्णय भारत की रूस से बढ़ती खरीद के जवाब में लिया गया है।
निर्यात पर प्रभाव
भारत से अमेरिका को होने वाला लगभग 48 अरब डॉलर का निर्यात अब इस टैरिफ के दायरे में आ गया है, जिससे भारतीय निर्यातकों के लिए गंभीर चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, कुछ क्षेत्रों को राहत दी गई है, जैसे फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोलियम उत्पाद, जिन पर फिलहाल टैरिफ लागू नहीं होगा। ये उत्पाद भारत के कुल निर्यात का लगभग 30 प्रतिशत हैं।
उत्पादन केंद्रों पर असर
तिरुपुर, नोएडा, सूरत, विशाखापत्तनम और जोधपुर जैसे उत्पादन केंद्रों पर इस टैरिफ का प्रभाव दिखने लगा है। क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, कुछ उत्पादों की निर्यात मात्रा में 70 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है, और इस वित्त वर्ष में अमेरिका को भारत का निर्यात 43 प्रतिशत तक घट सकता है। इस स्थिति का लाभ वियतनाम, बांग्लादेश, चीन, तुर्की, इंडोनेशिया और मैक्सिको जैसे देशों को मिल सकता है, जिन पर अमेरिका का टैरिफ भारत की तुलना में कम है।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इस चुनौती का सामना करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन की शुरुआत की है। इसमें व्यापार वित्त, ऋण सुविधा, जीएसटी सुधार, विशेष आर्थिक क्षेत्रों में बदलाव और वैश्विक बाजारों में 'ब्रांड इंडिया' को मजबूत करने के उपाय शामिल हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी टैरिफ लगाने से इनकार किया है, लेकिन यह भी कहा है कि भारत अपने निर्यातकों और नौकरियों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। भारत अब यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर तेजी से काम कर रहा है, ताकि अमेरिकी निर्भरता को कम किया जा सके।