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अमेरिकी टैरिफ का भारतीय हीरा उद्योग पर प्रभाव

अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लागू होने से भारतीय हीरा उद्योग में चिंता बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे निर्यात प्रभावित होगा और सोने की कीमतों में बदलाव संभव है। सूरत डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस पर चिंता जताई है, जबकि व्यापारियों ने अन्य देशों में व्यापार बढ़ाने के विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है। जानें इस टैरिफ का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा और उद्योग में रोजगार पर इसका क्या असर पड़ेगा।
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अमेरिकी टैरिफ का भारतीय हीरा उद्योग पर प्रभाव

टैरिफ का असर और व्यापारियों की चिंताएं

अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव: अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लागू होने के साथ ही भारतीय व्यापारियों में चिंता बढ़ गई है। यह टैरिफ निर्यात पर व्यापक असर डालेगा। हीरा उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ के कारण हीरे का निर्यात कुछ समय के लिए प्रभावित हो सकता है, जिससे सोने और हीरे के आभूषणों की कीमतों में भी बदलाव संभव है। अमेरिका भारत पर हीरे के लिए निर्भर है, इसलिए यह प्रभाव दीर्घकालिक नहीं होगा।


हीरा उद्योग पर पड़ने वाला प्रभाव

50% अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर भारत के डायमंड उद्योग पर पड़ेगा। सूरत डायमंड एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश खुंट ने कहा कि टैरिफ का प्रभाव डायमंड बाजार पर स्पष्ट होगा। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हीरा और आभूषण क्षेत्र में अमेरिका का निवेश 10 अरब डॉलर है। इस टैरिफ के लागू होने से निर्यात में कमी आने की संभावना है, जो अन्य देशों के साथ व्यापार का लगभग 30% है। इससे सोने की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।


रोजगार पर संभावित संकट

टैरिफ का असर डायमंड बाजार पर पड़ने के कारण उन लोगों पर भी प्रभाव पड़ेगा जो इस क्षेत्र में काम करते हैं। यदि निर्यात में कमी आती है, तो हीरा तराशने वाले और गहने बनाने वाले कारीगरों की नौकरियों पर संकट आ सकता है। हालांकि, यदि सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो जिन लोगों ने सोना खरीदा है, उन्हें इसका लाभ मिल सकता है।


विकल्पों की तलाश

हीरा व्यापारियों के बीच अमेरिकी टैरिफ पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। हीरा निर्माता और व्यापारी जयेश पटेल ने कहा कि अमेरिका एक बड़ा बाजार है, लेकिन टैरिफ के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि यूरोपीय देशों और रूस जैसे स्थानों पर व्यापार बढ़ाने के विकल्प मौजूद हैं।