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अमेरिकी वायु सेना ने स्पेसएक्स के हाइपरसोनिक परीक्षण को किया निलंबित

अमेरिकी वायु सेना ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के हाइपरसोनिक रॉकेट कार्गो डिलीवरी परीक्षण को जॉनसन एटोल से निलंबित कर दिया है। यह निर्णय विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद लिया गया, जिन्होंने बताया कि यह परियोजना समुद्री पक्षियों के लिए खतरा बन सकती है। जॉनसन एटोल, जो एक महत्वपूर्ण प्रजनन स्थल है, में कई उष्णकटिबंधीय पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। जानें इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी और इसके संरक्षण के प्रयासों के बारे में।
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अमेरिकी वायु सेना ने स्पेसएक्स के हाइपरसोनिक परीक्षण को किया निलंबित

हाइपरसोनिक रॉकेट डिलीवरी परीक्षण का निलंबन

अमेरिकी वायु सेना ने एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ प्रस्तावित हाइपरसोनिक रॉकेट कार्गो डिलीवरी परीक्षण को प्रशांत महासागर के जॉनसन एटोल से निलंबित कर दिया है। यह जानकारी अमेरिकी सेना के स्वतंत्र प्रकाशन द्वारा दी गई है। यह निर्णय उस रिपोर्ट के बाद लिया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि यह परियोजना जॉनसन एटोल के वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा सकती है।


जॉनसन एटोल का महत्व

जॉनसन एटोल, जो हवाई से लगभग 1,300 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है, समुद्री पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रजनन स्थल है। अमेरिकी वायु सेना और स्पेसएक्स ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। वायु सेना अब इस कार्यक्रम के लिए अन्य स्थानों की खोज कर रही है।


समुद्री पक्षियों का स्वर्ग

जॉनसन एटोल, जिसे हवाई में कलामा के नाम से जाना जाता है, प्रशांत महासागर में हवाई से लगभग 800 मील दूर स्थित है। यह क्षेत्र 14 प्रजातियों के उष्णकटिबंधीय पक्षियों का घर है, जिनमें रेड-टेल्ड ट्रॉपिकबर्ड और ग्रेट फ्रिगेटबर्ड शामिल हैं। अनुमान है कि इस एटोल पर लगभग दस लाख समुद्री पक्षी साल भर प्रजनन के लिए आते हैं।


पारिस्थितिकी पर प्रभाव

1926 में इसे पक्षी अभयारण्य के रूप में नामित किया गया था, लेकिन 1950 और 1960 के दशक में परमाणु परीक्षणों के कारण इसकी पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा था। 2004 में अमेरिकी वायु सेना द्वारा सफाई के बाद, यह क्षेत्र फिर से पक्षियों के लिए सुरक्षित आश्रय बन गया है।