आज के पेट्रोल और डीजल के दाम: स्थिरता बनी हुई है

पेट्रोल और डीजल की कीमतों की जानकारी
पेट्रोल और डीजल की कीमतें आज: भारत में तेल विपणन कंपनियों द्वारा हर सुबह पेट्रोल और डीजल की कीमतों को अपडेट किया जाता है। इन कीमतों पर अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर-रुपये की विनिमय दर और करों का प्रभाव पड़ता है। 13 अक्टूबर 2025 को देशभर में ईंधन की कीमतें लगभग स्थिर रहीं, हालांकि कुछ स्थानों पर मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया।
दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत ₹94.72 प्रति लीटर और डीजल की कीमत ₹87.67 प्रति लीटर पर स्थिर है। इन रेट्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है। 'पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली में ईंधन की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है, जो आम लोगों और व्यापारियों दोनों के लिए राहत की बात है।'
उत्तर प्रदेश में ईंधन की कीमतें
उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की कीमत लगभग ₹95.28 प्रति लीटर और डीजल की कीमत ₹87.54 प्रति लीटर पर स्थिर है। वाराणसी, लखनऊ और नोएडा जैसे शहरों में भी यही रुझान देखने को मिला है। नोएडा में आज पेट्रोल ₹95.05 और डीजल ₹87.89 प्रति लीटर पर है। लखनऊ में मामूली बढ़त के साथ पेट्रोल ₹94.73 और डीजल ₹87.81 प्रति लीटर पर दर्ज किया गया है।
प्रमुख शहरों में आज के पेट्रोल-डीजल के रेट्स
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) | बदलाव |
---|---|---|---|
नई दिल्ली | 94.77 | 87.67 | 0 |
कोलकाता | 105.41 | 92.02 | 0 |
मुंबई | 103.50 | 90.03 | 0 |
चेन्नई | 100.90 | 92.48 | 0 |
गुड़गांव | 95.65 | 88.10 | +0.13 |
नोएडा | 95.05 | 87.89 | -0.12 |
बैंगलोर | 102.92 | 90.65 | 0 |
भुवनेश्वर | 101.11 | 92.69 | -0.42 |
चंडीगढ़ | 94.30 | 82.45 | -0.06 |
हैदराबाद | 107.46 | 95.70 | 0 |
जयपुर | 104.72 | 90.21 | +0.28 |
पटना | 105.60 | 91.49 | +0.04 |
तिरुवनंतपुरम | 107.49 | 96.48 | +0.01 |
कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं:
1. अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें: जब वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत में ईंधन महंगा हो जाता है।
2. रुपया-डॉलर विनिमय दर: भारत कच्चा तेल डॉलर में खरीदता है। रुपये की कमजोरी का सीधा असर पेट्रोल-डीजल की लागत पर पड़ता है।
3. कर और उपकर: केंद्र और राज्य सरकारें एक्साइज ड्यूटी और वैट लगाती हैं, जो कुल कीमत का बड़ा हिस्सा बनता है।
4. परिवहन और रिफाइनिंग लागत: तेल को बंदरगाहों से रिफाइनरी तक और फिर पेट्रोल पंपों तक पहुंचाने की लागत भी दामों में जुड़ती है।
सरकारी करों से मिल रही स्थिरता:
मई 2022 में केंद्र और राज्य सरकारों ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती की थी, जिसके बाद से दरें काफी हद तक स्थिर बनी हुई हैं। 'वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में बदलाव के बावजूद भारतीय उपभोक्ताओं को राहत मिली है।' इस स्थिरता ने आम नागरिकों और परिवहन क्षेत्र को आर्थिक राहत दी है।
विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजार की हलचल के अनुसार भारत में ईंधन कीमतों में मामूली परिवर्तन संभव है। यदि डॉलर मजबूत होता है या कच्चे तेल के भाव $90 प्रति बैरल से ऊपर जाते हैं, तो कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है। वहीं, यदि ओपेक (OPEC) देशों की सप्लाई बढ़ती है या वैश्विक मांग घटती है, तो उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है।