आनंद महिंद्रा का भारत पर विश्वास: वैश्विक व्यापार में नए अवसर

महिंद्रा समूह के चेयरमैन का दृष्टिकोण
महिंद्रा महिंद्रा: वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य, आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटें और वैश्विक व्यापार पर टैरिफ का प्रभाव स्पष्ट है। इसके बावजूद, महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का मानना है कि 'भारत ऐसे अवसर प्रदान करता है, जिनका लाभ उठाया जा सकता है।' महिंद्रा एंड महिंद्रा की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'बढ़ती अनिश्चितता और निवेशकों के विश्वास में कमी के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार की गति पहले ही धीमी हो चुकी है।'
अस्थिरता का सामना
अस्थिर बनी हुई है स्थिति- आनंद महिंद्रा
संरक्षणवाद की बढ़ती लहर ने दशकों से चली आ रही उदार व्यापार व्यवस्था को चुनौती दी है। यह स्थिति ट्रंप प्रशासन के टैरिफ के माध्यम से स्पष्ट रूप से सामने आई है। इन उपायों ने वैश्विक प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा दिया है, जिसमें जवाबी टैरिफ, बाधित आपूर्ति श्रृंखलाएं, बदलते राजनीतिक गठबंधन और आर्थिक समूह शामिल हैं। हालांकि, स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है। हाल ही में अमेरिका-चीन टैरिफ वार्ता और यूके के साथ मजबूत व्यापार संबंध अमेरिकी व्यापार नीति के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण का संकेत देते हैं, जो रणनीतिक वैश्विक जुड़ाव के साथ संरक्षणवाद को जोड़ता है।
अमेरिका और चीन के बीच तनाव
अमेरिका और चीन में अलगाव
आनंद महिंद्रा ने कहा कि 'हालांकि, अमेरिका और चीन के बीच महत्वपूर्ण अलगाव की संभावना बनी हुई है।' उन्होंने यह भी बताया कि 'वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर उपभोक्ता सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग बढ़ती लागतों से सबसे अधिक प्रभावित होंगे। ऐसे में, गहराई से एकीकृत देशों को अपनी निर्भरता पर पुनर्विचार करना चाहिए और स्रोतों में विविधता लानी चाहिए।'
भारत का विकास और संभावनाएं
भारत का विकास
चीन से आपूर्ति श्रृंखला पर प्रतिबंध के कारण, भारत वैश्विक स्तर पर एक विकल्प बन सकता है। उन्होंने कहा, 'चीन का प्रतिकूल रुख भारत के लिए आपूर्ति श्रृंखला के विकल्प के रूप में खुद को स्थापित करने के अवसर पैदा कर सकता है, जो भारतीय व्यापार के लिए दीर्घकालिक लक्ष्य है। नवाचार और अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग एक बार फिर से केंद्र में आ सकती है। चीन पर प्रतिबंध और अन्य प्रतिस्पर्धी देशों के लिए उच्च टैरिफ भारतीय उत्पादों के लिए नए बाजार खोल सकते हैं। हालांकि, इसे हासिल करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान और निजी निवेश में वृद्धि की आवश्यकता होगी।'
भारत: एक भरोसेमंद भागीदार
‘भरोसेमंद भागीदार है भारत’
उन्होंने आगे कहा कि 'इसके लिए गति की आवश्यकता है, क्योंकि फिलीपींस और वियतनाम जैसे देश पहले से ही खुद को भविष्य के मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में पेश कर रहे हैं।' महिंद्रा ने कहा, 'मेरा मानना है कि भारत नए ग्रेविटी सेंटरों में से एक के रूप में उभरने के लिए अच्छी स्थिति में है। हम एक स्थिर लोकतंत्र हैं, जिसे आम तौर पर एक भरोसेमंद भागीदार माना जाता है और एक मजबूत सेना द्वारा समर्थित है, जो राजनीतिकरण से दूर है।'