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आयकर कानून में ऐतिहासिक बदलाव: नया एक्ट 2025 लागू होगा

भारत में आयकर कानून में 65 वर्षों के बाद महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। नए इनकम टैक्स एक्ट 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। इस नए कानून में टैक्सपेयर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक चार्टर शामिल किया गया है, जिससे टैक्स प्रशासन अधिक पारदर्शी होगा। इसके अलावा, विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि देखी गई है। जानें इस नए कानून की विशेषताएँ और इसके प्रभाव।
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आयकर कानून में ऐतिहासिक बदलाव: नया एक्ट 2025 लागू होगा

नया आयकर एक्ट 2025 राष्ट्रपति से मिली मंजूरी


नए आयकर एक्ट 2025 को राष्टÑपति की मिली मंजूरी, 1 अप्रैल 2026 को लागू होगा नया कानून


देश में 65 वर्षों के बाद आयकर कानून में बदलाव होने जा रहा है। नए इनकम टैक्स एक्ट 2025 को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिल गई है, और यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा, जो 1961 के पुराने कानून की जगह लेगा। पहले के आयकर नियम 1961 के अधिनियम के तहत कार्यरत थे। समय के साथ बदलाव और नई तकनीक के आगमन के कारण सरकार ने इन नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया। इसी संदर्भ में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में लोकसभा सत्र के दौरान नया इनकम टैक्स बिल पेश किया था, जिसमें टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए नियमों की शब्दावली को लगभग 50 प्रतिशत घटाकर 5 लाख से 2.5 लाख किया गया है।


नए कानून में सेक्शन की संख्या में वृद्धि

सरकार का दावा है कि नया आयकर कानून पहले की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करेगा। बिल के पन्नों की संख्या 823 से घटकर 622 रह गई है, जबकि अध्यायों की संख्या 23 ही बनी हुई है। सेक्शन की संख्या 298 से बढ़ाकर 536 कर दी गई है और शेड्यूल्स की संख्या 14 से बढ़कर 16 हो गई है। क्रिप्टो एसेट्स को किसी भी अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा, जैसे कि नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को शामिल किया जाता है। यह कदम डिजिटल लेनदेन को पारदर्शी और कानूनी तरीके से नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।


टैक्सपेयर्स के अधिकारों की सुरक्षा

बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर को शामिल किया गया है, जो टैक्स दाताओं के अधिकारों की रक्षा करेगा और टैक्स प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाएगा। यह चार्टर टैक्सपेयर्स के हितों की सुरक्षा के साथ-साथ टैक्स अधिकारियों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करेगा। सैलरी से संबंधित कटौतियों, जैसे कि स्टैंडर्ड डिडक्शन, ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट को अब एक ही स्थान पर सूचीबद्ध किया गया है। पुराने कानून में मौजूद जटिल व्याख्याओं और प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए इसे समझना आसान हो जाएगा।


विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 15 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.488 अरब डॉलर बढ़कर 695.106 अरब डॉलर हो गया। पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल भंडार 4.747 बिलियन डॉलर बढ़कर 693.618 बिलियन डॉलर हो गया था। आंकड़ों के अनुसार, 15 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.924 अरब डॉलर बढ़कर 585.903 अरब डॉलर हो गईं। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों की डॉलर की तुलना में मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है।


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