आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि आज, जानें महत्वपूर्ण जानकारी
आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा
आयकर विभाग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर सूचित किया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि आज है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस समयसीमा के बाद कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। इसलिए, सभी करदाताओं को अपनी आय और निवेश से संबंधित जानकारी के साथ आज ही ITR दाखिल करना आवश्यक है।ITR में निवेश से होने वाली आय का विवरण भरना भी जरूरी है। कर विशेषज्ञों का कहना है कि ITR भरते समय केवल वेतन या व्यवसाय की आय ही नहीं, बल्कि निवेश से होने वाली कमाई को भी शामिल करना चाहिए।
शेयर बाजार से होने वाले लाभ या हानि, लाभांश आय, बोनस शेयरों से प्राप्त आमदनी, और शेयरों की पुनर्खरीद (Buyback) से हुई आय सभी को वार्षिक आय में शामिल किया जाता है, और इसी आधार पर आयकर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है।
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के एमडी और सीईओ पंकज मठपाल के अनुसार, लाभांश सीधे निवेशक के खाते में आता है और इसे अतिरिक्त आय माना जाता है। जब ITR दाखिल किया जाता है, तो यह राशि वार्षिक आय में जोड़ दी जाती है और उसी अनुसार कर स्लैब लागू होता है।
1 अक्टूबर 2024 से पहले कंपनियों को खुद बायबैक पर कर चुकाना होता था, लेकिन अब नए नियमों के अनुसार, घरेलू सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा किए गए शेयरों की पुनर्खरीद को निवेशक की आय माना जाएगा। यह लाभांश की श्रेणी में आएगा और आयकर स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा।
बोनस शेयरों की कर गणना के बारे में मुंबई के कर विशेषज्ञ बलवंत जैन का कहना है कि बोनस शेयरों की प्रारंभिक लागत शून्य मानी जाती है। यदि बोनस शेयर एक वर्ष के भीतर बेचे जाते हैं, तो 20% की दर से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) लगेगा। एक वर्ष से अधिक समय तक रखने पर, 1.25 लाख रुपये की छूट सीमा के बाद 12.5% कर देना होगा। इसके अलावा, बोनस शेयर बेचते समय कर की गणना इस बात पर निर्भर करेगी कि वे 31 जनवरी 2018 से पहले जारी हुए थे या बाद में। 31 जनवरी 2018 से पहले जारी शेयरों की लागत उस दिन के बंद भाव के बराबर मानी जाएगी, जबकि 31 जनवरी 2018 के बाद जारी शेयरों की लागत शून्य होगी।