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आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में बढ़े ऑपरेशन

आयुष्मान भारत योजना के तहत अब सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद, घुटने और कूल्हे के जोड़ बदलने जैसे सर्जिकल ऑपरेशन किए जाएंगे। पहले ये ऑपरेशन निजी अस्पतालों में भी संभव थे, लेकिन अब यह सुविधा केवल सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होगी। इस बदलाव से मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। जानें किस प्रकार के ऑपरेशन अब सरकारी अस्पतालों में किए जाएंगे और सर्जिकल जागरूकता सप्ताह के तहत क्या योजनाएँ बनाई गई हैं।
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आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में बढ़े ऑपरेशन

अंबाला में सरकारी अस्पतालों में सर्जिकल ऑपरेशन

अंबाला (Ayushman Bharat): अब मोतियाबिंद से लेकर घुटने और कूल्हे के जोड़ बदलने तक के ऑपरेशन सरकारी अस्पतालों में ही किए जाएंगे। पहले ये ऑपरेशन आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों में भी संभव थे, लेकिन अब यह सुविधा केवल सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होगी।


पहले सरकारी अस्पताल में 119 बीमारियों का इलाज किया जा रहा था, अब इसमें 15 और सर्जिकल बीमारियों को जोड़ा गया है। इन बीमारियों का उपचार अब सरकारी अस्पतालों में ही आयुष्मान योजना के तहत किया जाएगा।


इन सर्जिकल बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पताल में होने से मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। अब अस्पताल में मोतियाबिंद, घुटने और कूल्हे के जोड़ बदलने के मरीज भी आने लगे हैं।


Ayushman Bharat: मरीजों की संख्या में वृद्धि

शहर के जिला नागरिक अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सोमवार को हड्डी के तीन ऑपरेशन, मोतियाबिंद के छह ऑपरेशन, सामान्य सर्जरी में पित्त की पथरी के करीब आठ ऑपरेशन और गायनी के छह ऑपरेशन किए गए। आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में सर्जिकल ऑपरेशन होने से हड्डी, आंख, सर्जरी, ईएनटी और गायनी के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।


मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए चिकित्सकों ने दिसंबर तक की तारीखें दी हैं। इसी तरह, घुटने और कूल्हे के जोड़ बदलने के ऑपरेशन भी शुरू हो गए हैं।


डॉक्टर रेनु बेरी, पीएमओ, जिला नागरिक अस्पताल, अंबाला शहर ने बताया कि सर्जिकल जागरूकता सप्ताह के तहत 22 नवंबर तक जिलेभर में लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस अभियान के तहत सरकारी अस्पताल में आयुष्मान भारत के तहत होने वाली सर्जरी के बारे में जानकारी दी जाएगी।


सर्जन की संख्या और सेवाएं

ओपीडी अस्पताल में सर्जन


हड्डी 4
आंख 7
सर्जरी 4
ईएनटी 1
गायनी 3
एनेस्थीसिया 4


इलाज के लिए उपलब्ध बीमारियाँ

आंख से मोतियाबिंद निकालने की आधुनिक शल्यक्रिया


पेट के माध्यम से गर्भाशय निष्कासन शल्यक्रिया
पुराने फेफड़ों के अवरोधक रोग की गंभीर अवस्था


पेट खराब होना या उल्टी-दस्त की स्थिति
पित्ताशय निष्कासन शल्यक्रिया


घुटने का जोड़ बदलने की शल्यक्रिया
कूल्हे का जोड़ बदलने की शल्यक्रिया


कान के पर्दे की मरम्मत।
हर्निया को ठीक करने की शल्यक्रिया


अपेंडिक्स निष्कासन शल्यक्रिया
एडेनॉइड ग्रंथी निष्कासन शल्यक्रिया


बवासीर के मस्सों का शल्यक्रिया
टॉसिंल को शल्यक्रिया से निकालना


अंडकोष की थैली में जमा पानी को शल्यक्रिया से निकालना।
अग्रचर्म निष्कासन शल्यक्रिया।


22 नवंबर तक रोजाना ऑपरेशन

जिला नागरिक अस्पताल में आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत पीएमजेएवाई, चिरायु योजना में मेडिकल व सर्जिकल पैकेज सरकारी अस्पताल में रिजर्व कर दिए गए हैं। इनमें आंख, हड्डी, सामान्य सर्जरी, ईएनटी सहित 15 बीमारियों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए रिजर्व किया गया है।


पहले 119 बीमारियों का इलाज अस्पताल में किया जा रहा था। अब 130 बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पताल में होगा। 17 से 22 नवंबर तक सर्जिकल सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। अस्पताल में 22 नवंबर तक रोजाना ऑपरेशन किए जाएंगे। साथ ही सप्ताह के तहत जिलेभर में लोगों को सरकारी अस्पताल में ही आयुष्मान के तहत इलाज करवाने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही लोगों की आभा आईडी भी बनाई जाएगी, जिसमें उनके इलाज का रिकॉर्ड रखा जाएगा।