आरबीआई की कोशिशें: डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरावट रोकने के लिए उठाए कदम

डॉलर के मुकाबले रुपए में स्थिरता लाने के प्रयास
डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिरता के लिए आरबीआई ने अगस्त में रिकॉर्ड डॉलर की बिक्री की
बिजनेस डेस्क : भारतीय रुपया हाल के समय में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर होता जा रहा है। अगस्त में, डॉलर के मुकाबले रुपये में 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई, जो कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए उच्च टैरिफ के कारण हुई है।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि अन्य वैश्विक मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपये में कम गिरावट आई है। फिर भी, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपये की गिरावट को रोकने और विनिमय दर में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है। इसी कारण, आरबीआई ने अगस्त में 7.7 अरब डॉलर की बिक्री की।
डॉलर की बिक्री का रिकॉर्ड स्तर
आरबीआई द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में केंद्रीय बैंक की डॉलर की शुद्ध बिक्री 7.69 अरब डॉलर रही, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। यह भी देखा गया कि रिजर्व बैंक ने जुलाई और अगस्त में अमेरिकी डॉलर नहीं खरीदे।
आरबीआई का स्पष्ट रुख है कि वह रुपये-डॉलर विनिमय दर के लिए किसी विशेष स्तर को लक्ष्य नहीं बनाता, बल्कि केवल तब हस्तक्षेप करता है जब बाजार में अत्यधिक अस्थिरता होती है। सितंबर में व्यापार तनाव, वैश्विक अनिश्चितताओं और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में कमी के कारण रुपये में गिरावट आई।
नए संवत वर्ष की सकारात्मक शुरुआत
हाल के दिनों में, निवेशकों का विश्वास भारतीय शेयर बाजार में लौट रहा है, जिसके चलते बाजार लगातार हरे निशान पर बंद हो रहा है। मंगलवार को विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में, बेंचमार्क शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। इस प्रकार, नए संवत वर्ष 2082 की शुरुआत सकारात्मक रही।
बीएसई सेंसेक्स 62.97 अंक या 0.07 प्रतिशत बढ़कर 84,426.34 पर बंद हुआ। इस दौरान, बेंचमार्क ने 84,665.44 का उच्चतम और 84,286.40 का न्यूनतम स्तर छुआ। एनएसई निफ्टी 25.45 अंक या 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,868.60 पर बंद हुआ। निफ्टी के 25 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि 24 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए और एक शेयर अपरिवर्तित रहा।