आरबीआई की रेपो दर में कटौती: होम लोन पर 7.71 लाख रुपए की बचत

आरबीआई की नई दरों से होम लोन पर लाभ
नई दिल्ली - भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 6 जून को अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर को 0.50 प्रतिशत घटाकर होम लोन लेने वालों को एक महत्वपूर्ण राहत दी है। इससे पहले, फरवरी और अप्रैल में भी 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी। इन तीन कटौतियों के चलते इस वर्ष कुल मिलाकर रेपो दर में 1 प्रतिशत की कमी हो चुकी है।
ज्यादातर होम लोन लेने वाले फ्लोटिंग रेट पर बैंकों से कर्ज लेते हैं, जिनकी ब्याज दरें रेपो दर से जुड़ी होती हैं। इसीलिए, जब भी रेपो दर में कमी आती है, तो होम लोन की ब्याज दर में भी कमी देखने को मिलती है। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो बैंक कर्ज लेने वालों को दो विकल्प देते हैं: या तो ईएमआई को कम करें या फिर लोन की अवधि को घटाकर ईएमआई को स्थिर रखें। दोनों ही विकल्पों में कर्ज लेने वाले को ब्याज पर बचत करने का मौका मिलता है, हालांकि बचत की मात्रा भिन्न हो सकती है। यदि आप ईएमआई में कमी करते हैं, तो न केवल आपकी ईएमआई कम होगी, बल्कि कुल ब्याज में भी कमी आएगी। आपकी वास्तविक बचत इस बात पर निर्भर करेगी कि आप ईएमआई कम करते हैं या लोन अवधि को छोटा करते हैं। अब जब बैंक आपके होम लोन की ब्याज दर को कम करना शुरू कर देंगे, तो अधिकांश होम लोन लेने वाले यह जानने के इच्छुक हैं कि इस कटौती के बाद उनकी कितनी बचत होगी। यदि आपने 50 लाख रुपए का लोन लिया है, तो आपको 7 लाख रुपए तक की बचत हो सकती है।
मान लीजिए आपने 50 लाख रुपए का लोन 20 साल के लिए 9.5 प्रतिशत की दर पर लिया था। इस स्थिति में आपकी लोन ईएमआई 46,607 रुपए होती। 20 साल में कुल भुगतान 1,11,85,574 रुपए होता। अब, यदि ब्याज दर में 1 प्रतिशत की कमी आती है, तो होम लोन की दर 8.5 प्रतिशत हो जाएगी, जिससे आपकी ईएमआई 43,391 रुपए हो जाएगी। कुल ब्याज घटकर 54,13,879 रुपए हो जाएगा और कुल भुगतान 1,04,13,879 रुपए हो जाएगा। इस प्रकार, आपको पूरे लोन पर 7.71 लाख रुपए की बचत होगी। यदि आप ईएमआई कम करने के बजाय लोन की अवधि को घटाते हैं, तो आपको और भी अधिक लाभ मिल सकता है। यदि आप ब्याज दर में कमी के बाद भी वही ईएमआई चुकाते हैं, तो आपकी लोन अवधि 3.16 साल कम हो जाएगी, जिससे आप ब्याज में 17.65 लाख रुपए की बचत कर सकते हैं।