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आरबीआई ने आईएमएफ की चिंताओं का किया खंडन, आंकड़ों की सटीकता पर जताया विश्वास

भारतीय रिजर्व बैंक ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा उठाए गए सवालों का खंडन करते हुए आंकड़ों की सटीकता पर विश्वास जताया है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि जीडीपी और महंगाई के आंकड़े सटीक हैं, जबकि डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने महंगाई और फैक्ट्री उत्पादन के आंकड़ों की गुणवत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने पुराने आधार वर्ष के कारण राष्ट्रीय लेखाओं में सी ग्रेड मिलने की बात कही। जानें इस विषय में और क्या कहा गया।
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आरबीआई ने आईएमएफ की चिंताओं का किया खंडन, आंकड़ों की सटीकता पर जताया विश्वास

आरबीआई का बचाव और आंकड़ों की सटीकता

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारतीय आंकड़ों और विनिमय दर प्रबंधन पर उठाए गए सवालों के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक ने देश की स्थिति का समर्थन किया। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने स्पष्ट किया कि जीडीपी के लिए आरबीआई के पूर्वानुमान और महंगाई से संबंधित सरकारी आंकड़े काफी सटीक हैं, हालांकि सुधार की संभावनाएं मौजूद हैं।


महंगाई और उत्पादन के आंकड़े

आरबीआई की डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने बताया कि महंगाई और फैक्ट्री उत्पादन जैसे कई मामलों में भारतीय व्यवस्थाएं ए या बी ग्रेड में आती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केवल राष्ट्रीय लेखाओं में सी ग्रेड मिला है, जो कि पुराने आधार वर्ष के कारण है।


आधार वर्ष का महत्व

गुप्ता ने कहा कि यह आंकड़ों की गुणवत्ता या सटीकता का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह केवल पुराने आधार वर्ष का मामला है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस संशोधन के बाद, लोग इस विषय में संतुष्ट होंगे।