Newzfatafatlogo

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों में रद्दीकरण की जांच रिपोर्ट डीजीसीए को सौंपी गई

इंडिगो एयरलाइन में उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने की घटनाओं की जांच के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट डीजीसीए को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में उन कारणों की समीक्षा की गई है, जिनकी वजह से सैकड़ों उड़ानें रद्द हुईं। जानें इस मामले में क्या निष्कर्ष निकाले गए हैं और एयरलाइन पर क्या कार्रवाई की गई है।
 | 
इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों में रद्दीकरण की जांच रिपोर्ट डीजीसीए को सौंपी गई

इंडिगो उड़ानों के रद्द होने की जांच

देश की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो में उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने की घटनाओं की जांच के लिए गठित चार-सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट विमानन नियामक डीजीसीए को प्रस्तुत कर दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।


इस समिति का गठन 5 दिसंबर को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के संयुक्त महानिदेशक संजय के. ब्रम्हाणे की अध्यक्षता में किया गया था।


समिति को यह कार्य सौंपा गया था कि वह उन कारणों की गहन समीक्षा करे, जिनकी वजह से इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें कई दिनों तक रद्द हुईं। अधिकारी ने बताया कि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार शाम को डीजीसीए को सौंप दी।


सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट की प्रतियां नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू और सचिव समीर कुमार सिन्हा के कार्यालयों को भी भेजी गई हैं। हालांकि, रिपोर्ट के निष्कर्षों का विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।


समिति की संरचना और उड़ानों में रद्दीकरण

इस समिति में ब्रम्हाणे के अलावा डीजीसीए के उप महानिदेशक अमित गुप्ता, वरिष्ठ उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन कपिल मांगलिक और उड़ान संचालन निरीक्षक कैप्टन रामपाल शामिल थे।


इस महीने की शुरुआत में इंडिगो की उड़ानें बड़े पैमाने पर रद्द हुई थीं, जिसमें एक दिन में 1,600 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं। इसके साथ ही, कई उड़ानें घंटों की देरी से भी रवाना हुईं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।


चालक दल के सदस्यों की तैनाती और विश्राम से संबंधित नए मानकों को लागू करने के लिए इंडिगो ने समय पर तैयारी नहीं की, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई।


उड़ान रद्द होने के बाद, डीजीसीए ने इंडिगो को अपनी शीतकालीन उड़ानों की संख्या में 10 प्रतिशत तक कटौती करने का निर्देश दिया।


नियामक कार्रवाई और रिपोर्ट के निष्कर्ष

एयरलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स और मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) इसिड्रे पोर्केरास को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए।


नियामक ने समिति के गठन से संबंधित आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया यह स्थिति आंतरिक निगरानी, परिचालन तैयारी और नियामकीय अनुपालन में गंभीर खामियों की ओर इशारा करती है, जिसके चलते स्वतंत्र जांच की आवश्यकता महसूस हुई।


डीजीसीए ने बताया कि उसने इंडिगो को चालक दल तैनाती संबंधी नियमों को लागू करने के लिए समय-समय पर निर्देश दिए थे। लेकिन एयरलाइन चालक दल की उपलब्धता का सही आकलन करने, समय पर प्रशिक्षण देने और ड्यूटी रोस्टर में बदलाव करने में असफल रही।


संशोधित नियमों को दो चरणों में लागू किया गया था, जिसमें पहला चरण एक जुलाई से और दूसरा चरण एक नवंबर से प्रभावी हुआ। डीजीसीए का कहना है कि दूसरे चरण के क्रियान्वयन में कमी के कारण प्रतिदिन 170 से 200 उड़ानें रद्द हुईं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।