इंडिगो की उड़ानों में लगातार रुकावट, यात्रियों का गुस्सा बढ़ा
इंडिगो की उड़ानों पर असर
इंडिगो की उड़ानें चौथे दिन भी प्रभावित हो रही हैं, जिससे यात्रियों का गुस्सा खुलकर सामने आ रहा है। हाल की जानकारी के अनुसार, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शुक्रवार सुबह से 135 प्रस्थान और 90 आगमन उड़ानें रद्द की गईं, जिससे यह हवाईअड्डा संकट का मुख्य केंद्र बन गया है.
अन्य हवाईअड्डों पर स्थिति
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर भी 50 से अधिक प्रस्थान और 52 आगमन उड़ानें रद्द की गईं, जबकि हैदराबाद में 92 उड़ानों का संचालन पूरे दिन बाधित रहा। इस सप्ताह अब तक कुल 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
संकट का कारण
यह संकट A320 विमान से संबंधित तकनीकी सलाह के कारण उत्पन्न हुआ, जिसके चलते कई उड़ानें देर रात तक खिंच गईं। कई विमानों के निर्धारित समय से पहले लैंड होने के कारण नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम लागू हो गए, जिससे पायलटों को आवश्यक विश्राम समय लेना पड़ा.
पायलटों की कमी
इंडिगो में पहले से ही पायलटों की कमी है, जिसके कारण एयरलाइन को प्रतिदिन लगभग 25 उड़ानें रद्द करनी पड़ रही थीं। जब देरी रात में बढ़ने लगी और FDTL के तहत लंबा आराम समय लागू हुआ, तो कई विमान बिना क्रू के खड़े रह गए.
यात्रियों की समस्याएं
26 अक्टूबर से लागू शीतकालीन समय सारणी ने मौजूदा दबाव को और बढ़ा दिया है। यात्रियों ने शिकायत की है कि उन्हें अंतिम क्षण में उड़ान रद्द होने की सूचना दी जा रही है और वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में कोई स्पष्टता नहीं मिल रही है.
स्थिति की गंभीरता
देशभर के प्रमुख हवाईअड्डों पर लंबी कतारें, कॉल सेंटरों पर अत्यधिक प्रतीक्षा समय और डिजिटल सहायता में देरी इस स्थिति की गंभीरता को और स्पष्ट कर रहे हैं। एयरलाइन आंतरिक संचालन में सुधार और वैकल्पिक क्रू तैनाती पर काम कर रही है, लेकिन यात्रियों को राहत कब मिलेगी, इस पर कोई आधिकारिक आश्वासन नहीं दिया गया है.
