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इंफोसिस का नया कार्यक्रम: महिलाओं के लिए करियर पुनः आरंभ करने का अवसर

इंफोसिस ने महिलाओं के लिए 'रीस्टार्ट विद इन्फोसिस' नामक एक नया कार्यक्रम शुरू किया है, जो उन महिलाओं को फिर से कॉर्पोरेट क्षेत्र में लाने का अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने किसी कारणवश अपने करियर को रोक दिया था। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को कार्यबल में वापस लाना है और कंपनी ने सफल रेफरल के लिए पुरस्कार की पेशकश की है। इसके साथ ही, इंफोसिस ने 2030 तक अपने कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 45% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
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इंफोसिस का नया कार्यक्रम: महिलाओं के लिए करियर पुनः आरंभ करने का अवसर

इंफोसिस की पहल: 'रीस्टार्ट विद इन्फोसिस'


“रीस्टार्ट विद इन्फोसिस” : भारत की प्रमुख आईटी कंपनी इंफोसिस ने महिलाओं के लिए एक विशेष पहल की है। इसने "रीस्टार्ट विद इन्फोसिस" नामक एक नया रेफरल कार्यक्रम आरंभ किया है। यह कार्यक्रम उन महिलाओं को फिर से कॉर्पोरेट क्षेत्र में लाने का अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने किसी कारणवश अपने करियर को रोक दिया था और अब वे फिर से काम करना चाहती हैं।


प्रतिभा का मूल्यांकन: जेंडर से परे
कई महिलाएं जीवन की वास्तविक चुनौतियों, जैसे शादी, मातृत्व या पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण काम से ब्रेक लेती हैं, जिससे वापस लौटना कठिन हो जाता है। इंफोसिस इस अंतर को पाटने का प्रयास कर रही है। कंपनी का मानना है कि प्रतिभा का मूल्यांकन केवल जेंडर के आधार पर नहीं, बल्कि कौशल के आधार पर होना चाहिए।


इस नए कार्यक्रम के तहत, आईटी क्षेत्र की इस अग्रणी कंपनी का उद्देश्य उन महिला पेशेवरों को नियुक्त करना है जो कार्यबल में वापस आना चाहती हैं। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को एक आंतरिक ईमेल भेजा है, जिसमें सफल रेफरल के लिए 50,000 रुपये तक के पुरस्कार की पेशकश की गई है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए, उम्मीदवारों के पास कम से कम दो साल का कार्य अनुभव होना चाहिए और कम से कम छह महीने का निरंतर करियर ब्रेक होना चाहिए। इसमें तकनीकी क्षेत्रों से जुड़े कई पद शामिल हैं, जैसे Java, .Net, SAP, Oracle, Salesforce, React, Python, Angular जैसी प्रोग्रामिंग और सॉफ्टवेयर कौशल।


ESG Vision 2030
वर्तमान में, इंफोसिस में कुल 3.23 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें 39% महिलाएं हैं। लेकिन कंपनी ने अपने ESG Vision 2030 के तहत यह लक्ष्य रखा है कि 2030 तक वह अपने कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 45% तक बढ़ाएगी।