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ईरान-इज़राइल युद्धविराम से भारतीय शेयर बाजार में उछाल, निवेशकों को मिला बड़ा लाभ

ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई है। सेंसेक्स और निफ्टी ने रिकॉर्ड उछाल दिखाया, जिससे निवेशकों को भारी लाभ हुआ। इस लेख में जानें कि कैसे वैश्विक तनाव में कमी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने बाजार को मजबूती प्रदान की। साथ ही, जानें टॉप गेनर्स और लूजर्स कौन से हैं।
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ईरान-इज़राइल युद्धविराम से भारतीय शेयर बाजार में उछाल, निवेशकों को मिला बड़ा लाभ

भारतीय शेयर बाजार में तेजी का नया दौर

ईरान और इज़राइल के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद, वैश्विक बाजारों के साथ-साथ भारतीय शेयर बाजार में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। मंगलवार को, प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक सेंसेक्स ने खुलते ही जोरदार बढ़त दिखाई और खबर लिखे जाने तक यह 900 अंकों से अधिक की वृद्धि के साथ कारोबार कर रहा था।


सेंसेक्स और निफ्टी में रिकॉर्ड उछाल

बीएसई सेंसेक्स ने 81,896.79 के पिछले बंद स्तर की तुलना में 82,534.61 पर शुरुआत की और कुछ ही मिनटों में 82,835.39 के इंट्राडे उच्च स्तर तक पहुंच गया, जो एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह, एनएसई निफ्टी ने 24,971.90 के पिछले बंद स्तर से 25,179.90 पर खुलकर 25,250.85 तक पहुंचा। यह तेजी इस बात का संकेत है कि वैश्विक अनिश्चितताओं में कमी आने पर निवेशकों ने सक्रियता से खरीदारी की।


निवेशकों को हुआ भारी मुनाफा

केवल 5 मिनट के भीतर, निवेशकों ने लगभग 510,483.83 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। सेंसेक्स की 30 में से 27 कंपनियों के शेयरों में वृद्धि देखी गई, जबकि केवल 3 कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। यह स्पष्ट संकेत है कि बाजार में सकारात्मक भावना पूरी तरह से हावी रही।


युद्धविराम और तेल कीमतों में गिरावट का प्रभाव

भारतीय बाजार में तेजी के दो मुख्य कारण सामने आए हैं। पहला, ईरान और इज़राइल के बीच सीजफायर की खबर, जिसने वैश्विक तनाव को कम किया। दूसरा, कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट, जिससे भारत जैसे आयातक देशों को राहत मिली। ब्रेंट क्रूड, जो पहले 80 डॉलर प्रति बैरल था, अब लगभग 3 प्रतिशत गिरकर 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है। इससे भारत में महंगाई और व्यापार घाटा नियंत्रित रहने की उम्मीद बढ़ी है।


टॉप गेनर्स और लूजर्स

सेंसेक्स पर सूचीबद्ध कंपनियों में अडानी पोर्ट्स, एलएंडटी और महिंद्रा के शेयरों में सबसे अधिक तेजी देखी गई। वहीं, एनटीपीसी और बीईएल जैसी सरकारी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। लगभग सभी सेक्टर हरे निशान में कारोबार करते नजर आए, जिसमें बैंकिंग, ऑटो और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयर सबसे आगे रहे।