एच1बी वीजा फीस में वृद्धि पर अमेरिका में उठी आलोचना

ट्रंप का भारत के खिलाफ सीधा प्रहार
H1B Visa Fees Update: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच1बी वीजा की फीस में की गई अप्रत्याशित वृद्धि पर अमेरिका में भी विरोध हो रहा है। कई आर्थिक विशेषज्ञ इसे राष्ट्रपति का जल्दबाजी में लिया गया गलत निर्णय मानते हैं। एआरके इन्वेस्ट की सीईओ कैथी वुड ने इस मामले में ट्रंप की कड़ी आलोचना की है।
वुड ने इसे भारत पर एक सीधा हमला बताया है। उनके अनुसार, यह फीस वृद्धि टैरिफ की तरह है और इससे अमेरिका-भारत के बीच बातचीत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने इसे 'कमरे से ऑक्सीजन निकालने' के समान बताया। यह वृद्धि 21 सितंबर से लागू हो चुकी है और इसके भारतीय आईटी क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने की संभावना है.
अमेरिका भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है
कैथी वुड ने कहा कि एच-1बी वीजा फीस को अचानक 100,000 डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) तक बढ़ाना इमिग्रेशन से संबंधित नहीं है, बल्कि यह दबाव बनाने का एक तरीका है। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि यह वृद्धि ट्रंप की भारत के साथ बातचीत का हिस्सा है और इससे भारत सबसे अधिक प्रभावित होगा। उन्होंने इस कदम की तुलना ट्रेड टैरिफ से की और कहा कि ट्रंप इस तरह से भारत पर दबाव डालना चाहते हैं।
ट्रंप का भारत के प्रति गलत दृष्टिकोण
वुड ने कहा कि ट्रंप ने कोई सबक नहीं सीखा है और उन्हें लगता है कि वह मोदी और भारत के साथ बातचीत करने के लिए कठोरता का सहारा ले सकते हैं। लेकिन, उनका मानना है कि यह रणनीति एक बार फिर गलत साबित हो सकती है।