ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों पर निवेशकों की नजर, प्रमोटर हिस्सेदारी में बदलाव
ओला इलेक्ट्रिक की नई रणनीति
बुधवार, 17 दिसंबर को ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शेयरों पर निवेशकों का ध्यान केंद्रित रहने की संभावना है। हालिया जानकारी के अनुसार, कंपनी के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने अपनी व्यक्तिगत हिस्सेदारी का सीमित मोनेटाइजेशन किया है, जिससे प्रमोटर स्तर पर गिरवी रखे गए ₹260 करोड़ के शेयरों को पूरी तरह से मुक्त किया जा सके।
प्रमोटर हिस्सेदारी की स्थिति
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस प्रक्रिया के बाद भी प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत से अधिक बनी रहेगी, जो नई उम्र की सूचीबद्ध कंपनियों में एक मजबूत स्थिति मानी जाती है। यह कदम प्रमोटर नियंत्रण में किसी भी प्रकार की कमी नहीं लाता है।
भविष्य की योजनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में किसी नई प्रमोटर गिरवी की संभावना नहीं है। मौजूदा मोनेटाइजेशन का उद्देश्य एआई स्टार्टअप ‘कृतिम’ के लिए फंडिंग से संबंधित था, जो अब एक क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर खिलाड़ी के रूप में सकारात्मक कैश फ्लो के साथ उभर रहा है।
कंपनी के जोखिम प्रोफाइल में सुधार
आमतौर पर प्रमोटर शेयर गिरवी को बाजार में जोखिम और अस्थिरता के कारक के रूप में देखा जाता है। ऐसे में सभी गिरवी शेयरों का हटना कंपनी के जोखिम प्रोफाइल को मजबूत करता है। सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह पूरा कदम प्रमोटर स्तर पर किया गया है और इसका ओला इलेक्ट्रिक के रोजमर्रा के कामकाज, प्रबंधन, कॉरपोरेट गवर्नेंस या वित्तीय स्थिति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अन्य कंपनियों की गतिविधियाँ
इस वित्त वर्ष में अपोलो हॉस्पिटल्स और हिंदुस्तान जिंक जैसे समूहों के प्रमोटरों ने भी सीमित हिस्सेदारी बेचकर गिरवी शेयर मुक्त कराए हैं।
ओला इलेक्ट्रिक की नई सेवाएं
इस बीच, ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में बेंगलुरु में ‘हाइपरडिलीवरी’ सेवा की शुरुआत की है, जिसके तहत ग्राहक उसी दिन वाहन की रजिस्ट्रेशन और डिलीवरी प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी ने पहले ही अपने वाहन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह से इन-हाउस कर लिया है। इसके साथ ही 4680 भारत सेल बैटरी से लैस S1 Pro+ जैसे मॉडलों की बड़े पैमाने पर डिलीवरी शुरू हो चुकी है, जिसे भारत के EV इकोसिस्टम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
