केंद्र सरकार का बड़ा कदम: इंश्योरेंस कंपनियों को जीएसटी का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने का निर्देश

सरकार की नई नीति
नई दिल्ली - केंद्र सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों पर सख्ती बरतते हुए उन्हें निर्देश दिया है कि वे जीएसटी के लाभ को ग्राहकों तक पहुंचाएं। सरकार ने इन कंपनियों से कहा है कि वे जीएसटी सुधारों का प्रचार करें और पॉलिसीधारकों को इसके लाभ के बारे में जागरूक करें।
बैठक में चर्चा
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने सरकारी और निजी क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनियों के प्रमुखों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में सचिव ने जीएसटी सुधारों के सकारात्मक प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इससे आम लोगों के लिए इंश्योरेंस लेना अधिक किफायती होगा और इसकी पहुंच में सुधार होगा। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस कदम से इंश्योरेंस को अधिक सुलभ और लागत प्रभावी बनाने की उम्मीद है, जिससे वित्तीय सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी। यह बैठक जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी छूट के अनुमोदन के बाद आयोजित की गई थी।
कर में कटौती का लाभ
बैठक के दौरान, सचिव ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि कर में कटौती का लाभ मौजूदा और संभावित पॉलिसीधारकों को पूरी तरह से मिले। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस अब शून्य कर श्रेणी में आ गए हैं, जबकि पहले इन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था। रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पॉलिसीधारकों को कम प्रीमियम का लाभ मिलेगा। हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में कमी आने की संभावना है, जो वित्त वर्ष 2025 में उद्योग की सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम आय (जीडीपीआई) का 16 प्रतिशत था। हालांकि, यदि पूरा लाभ दिया जाता है, तो स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है।
स्वास्थ्य सेवा में सुधार
हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर शून्य दर से मरीजों की सामर्थ्य और पहुंच में वृद्धि होने की उम्मीद है। जैसे-जैसे हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच में सुधार होगा, इससे अस्पताल क्षेत्र को भी लाभ होगा। रिपोर्ट के अनुसार, दीर्घावधि में, यह कदम स्वास्थ्य सेवा को अधिक समावेशी और किफायती बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।