केंद्र सरकार का संचार साथी ऐप पर यू-टर्न: प्री-इंस्टॉलेशन अब नहीं होगा
संचार साथी ऐप पर केंद्र सरकार का निर्णय
केंद्र सरकार ने 'संचार साथी' ऐप के संबंध में अपना निर्णय बदल दिया है। यह बदलाव धीरे-धीरे सामने आया, लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है। दूरसंचार मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि अगले 90 दिनों में हर स्मार्टफोन में 'संचार साथी' ऐप को प्री-इंस्टॉल किया जाएगा। स्मार्टफोन निर्माताओं को इस संबंध में निर्देश दिए गए थे और जनता को इसके लाभ के बारे में बताया जाने लगा।
हालांकि, जब इस ऐप के खिलाफ विरोध बढ़ा, जिसमें विपक्ष, नागरिक समाज और सरकारी तंत्र के लोग शामिल थे, तो सरकार ने कहा कि यह ऐप प्री-इंस्टॉल किया जाएगा, लेकिन उपयोगकर्ता इसे हटाने का विकल्प भी रखेंगे। इसके बावजूद विरोध जारी रहने पर, बुधवार को सरकार ने घोषणा की कि यह ऐप अब प्री-इंस्टॉल नहीं किया जाएगा।
सरकार के पूर्व यू-टर्न
यह केंद्र सरकार का एक और यू-टर्न है। इससे पहले, 'आरोग्य सेतु' ऐप को अनिवार्य बनाने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा, सरकार ने कई अन्य मामलों में भी ऐसे यू-टर्न लिए हैं। पिछले वर्ष, ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज बिल पर सरकार ने पीछे हटते हुए ड्राफ्ट वापस लिया। 2021 में, भारी विरोध के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। यह सिलसिला 2015 में भूमि अधिग्रहण बिल के वापस लेने से शुरू हुआ था।
