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केंद्र सरकार की नई योजना: हर घर और खेत को पानी पहुंचाने की पहल

केंद्र सरकार ने हर घर को पीने का पानी और हर खेत को पर्याप्त जल देने की नई योजना की घोषणा की है। यह योजना लगभग दस राज्यों में अगले डेढ़ से दो महीने में लागू होगी, विशेष रूप से सूखे क्षेत्रों में। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने बताया कि इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और पानी की बर्बादी में कमी आएगी। इसके अलावा, यमुना नदी को नहाने योग्य बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है। जानें इस योजना के सभी पहलुओं के बारे में।
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केंद्र सरकार की नई योजना: हर घर और खेत को पानी पहुंचाने की पहल

हर घर और खेत के लिए पानी की योजना


केंद्र सरकार ने हर घर को पीने का पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ हर खेत को पर्याप्त जल देने की योजना पर काम शुरू किया है। यह योजना लगभग दस राज्यों में अगले डेढ़ से दो महीने में लागू की जाएगी। पाइपलाइन प्रोजेक्ट के तहत पानी उन खेतों तक पहुंचाया जाएगा जहां अन्य कोई जल स्रोत नहीं है।


सूखे क्षेत्रों में प्राथमिकता

इस योजना को पहले सूखे क्षेत्रों में लागू किया जाएगा, जहां सिंचाई के लिए पर्याप्त साधन नहीं हैं या जहां सूखा समस्या बनी हुई है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इससे किसानों को हर मौसम में खेती करने का अवसर मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। पानी की कमी के कारण किसान लगातार खेती नहीं कर पाते हैं।


पायलट प्रोजेक्ट का विस्तार

पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

इस योजना के तहत पानी उन खेतों में पहुंचाया जाएगा जहां कोई अन्य जल स्रोत नहीं है। केंद्र सरकार राज्यों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी, जबकि राज्य इसे लागू करने की जिम्मेदारी लेंगे। पानी के वितरण की पूरी निगरानी भी राज्यों द्वारा की जाएगी।


प्रोजेक्ट का बजट

प्रोजेक्ट के पहले चरण में खर्च

इस पायलट परियोजना पर लगभग 1600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से पानी की बर्बादी में कमी आएगी। वर्तमान में खेतों की सिंचाई के लिए पानी नहरों या नालियों के माध्यम से मिलता है, जिसमें से बहुत सारा पानी खेतों तक पहुंचने से पहले ही बर्बाद हो जाता है। इस परियोजना में पानी पाइपलाइनों के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया जाएगा।


यमुना नदी की सफाई का लक्ष्य

यमुना को नहाने योग्य बनाना

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री पाटिल ने यह भी बताया कि अगले दो वर्षों में यमुना के पानी को नहाने योग्य बनाने का लक्ष्य है। दिल्ली सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है, और उनका मंत्रालय भी पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। यमुना की सफाई के लिए बनाई गई योजना में अगले दो दशकों में इसे नहाने योग्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।


गंगा के पानी की गुणवत्ता में सुधार

गंगा का पानी नहाने योग्य

पाटिल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गंगा का पानी नहाने योग्य हो गया है, और अब इसे पीने योग्य बनाने की कोशिश की जा रही है। यमुना में गिरने वाले नालों को बंद करने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं।