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केंद्रीय बैंकों में सोने के भंडार में अभूतपूर्व वृद्धि

केंद्रीय बैंकों में सोने के भंडार में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो 2022 में 13% से बढ़कर 2025 में 22% हो गई है। एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उच्च कीमतों के बावजूद सोने की मांग में कमी नहीं आई है। केंद्रीय बैंक भू-राजनीतिक संघर्षों और आर्थिक चुनौतियों के कारण सोने की खरीदारी कर रहे हैं। इस साल सोने ने लगभग 54% की वृद्धि दर्ज की है, जो इसे पिछले पांच दशकों में सबसे सफल वर्ष बनाती है। जानें इस वृद्धि के पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएँ।
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केंद्रीय बैंकों में सोने के भंडार में अभूतपूर्व वृद्धि

सोने की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि


2022 में 13 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 22 प्रतिशत हुई


बिजनेस डेस्क : सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में जाना जाता है। यह केवल आम निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि केंद्रीय बैंकों के लिए भी एक आकर्षक विकल्प है। यही कारण है कि उच्च कीमतों के बावजूद, केंद्रीय बैंक लगातार सोने की खरीदारी कर रहे हैं। वैश्विक केंद्रीय बैंक भंडार में सोने की हिस्सेदारी 2022 में 13 प्रतिशत से बढ़कर 2025 की दूसरी तिमाही में लगभग 22 प्रतिशत हो गई है, जबकि इस दौरान सोने की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गई हैं।


रिपोर्ट में क्या कहा गया है

एचएसबीसी द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि उच्च कीमतों ने संस्थागत खरीदारों को खरीदारी से हतोत्साहित नहीं किया है। केंद्रीय बैंक विभिन्न कारणों से सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जैसे भू-राजनीतिक संघर्ष, आर्थिक चुनौतियाँ, बढ़ती मुद्रास्फीति और महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव। उनकी निरंतर खरीदारी से सोने की कीमतों में स्थिरता बनी हुई है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोने की मांग में कमी नहीं आई है।


सोने का प्रदर्शन

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सोना पिछले पांच दशकों में अपने सबसे बेहतरीन वार्षिक प्रदर्शन की ओर बढ़ रहा है। इस साल अब तक सोने की कीमतों में लगभग 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो इसे एक सफल वर्ष बनाती है। यह वृद्धि भू-राजनीतिक तनाव, आर्थिक जोखिमों और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के कारण हुई है। अक्टूबर में, सोने की कीमतें 4,380 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, लेकिन खुदरा निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली के कारण इसमें गिरावट आई।