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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यातकों के लिए नई ऋण गारंटी योजना को दी मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यातकों के लिए एक नई ऋण गारंटी योजना को मंजूरी दी है, जिससे एमएसएमई सहित योग्य निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं मिलेंगी। यह योजना भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने और नए बाजारों में विविधीकरण में मदद करेगी। योजना का कार्यान्वयन वित्तीय सेवा विभाग द्वारा किया जाएगा, और यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निर्यातकों के लिए नई ऋण गारंटी योजना को दी मंजूरी

नई ऋण गारंटी योजना का शुभारंभ

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को निर्यातकों के लिए एक नई ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत, राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) सदस्य ऋण संस्थानों (एमएलआई) को 100 प्रतिशत ऋण गारंटी कवरेज प्रदान करेगा, जिससे योग्य निर्यातकों, जिनमें एमएसएमई भी शामिल हैं, को 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधाएं मिल सकेंगी।


इस योजना का कार्यान्वयन वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा एनसीजीटीसी के माध्यम से किया जाएगा, ताकि एमएसएमई सहित योग्य निर्यातकों को एमएलआई से अतिरिक्त ऋण सहायता मिल सके। डीएफएस सचिव की अध्यक्षता में एक प्रबंधन समिति इस योजना की प्रगति और कार्यान्वयन की निगरानी करेगी।


इस योजना से भारतीय निर्यातकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि और नए बाजारों में विविधीकरण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सीजीएसई के तहत संपार्श्विक-मुक्त ऋण उपलब्ध कराने से यह योजना व्यापार संचालन को सरल बनाएगी और भारत के 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। इससे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में देश की प्रगति को और मजबूती मिलेगी।


निर्यात भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 21 प्रतिशत है। यह विदेशी मुद्रा भंडार में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। निर्यातोन्मुखी उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 45 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं, और एमएसएमई कुल निर्यात में लगभग 45 प्रतिशत का योगदान करते हैं। निरंतर निर्यात वृद्धि भारत के चालू खाता संतुलन और व्यापक आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में सहायक रही है।


निर्यातकों को अपने बाजारों में विविधता लाने और उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए बेहतर वित्तीय सहायता और पर्याप्त समय प्रदान करना आवश्यक है। इस प्रकार, अतिरिक्त तरलता सहायता के माध्यम से सक्रिय सरकारी योजना व्यावसायिक वृद्धि को सुनिश्चित करेगी और बाजारों का विस्तार संभव बनाएगी।