क्या 2025 में सोने और चांदी की कीमतें और बढ़ेंगी? जानें निवेशकों के लिए क्या है खास
2025 में भारतीय निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर
साल 2025 भारतीय निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ है। सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि ने निवेशकों को उम्मीद से अधिक लाभ पहुंचाया है। दोनों कीमती धातुएं अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि यह सकारात्मक रुझान अगले वर्ष भी जारी रह सकता है, जिससे निवेशकों को अच्छे रिटर्न की उम्मीद है।
चांदी का शानदार प्रदर्शन
इस वर्ष चांदी ने सबसे अधिक चमक बिखेरी। घरेलू बाजार में इसकी कीमत ₹2,42,000 प्रति किलो के पार पहुंच गई। 31 दिसंबर 2024 को चांदी की कीमत ₹85,851 प्रति किलो थी, जिससे एक साल में चांदी ने लगभग 167 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया। विशेष रूप से, एक सप्ताह में ही चांदी की कीमतों में लगभग ₹28,000 प्रति किलो की वृद्धि देखी गई। विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की मांग तेजी से बढ़ी है, जबकि इसकी आपूर्ति सीमित बनी हुई है।
क्या चांदी की कीमतें तीन लाख रुपये तक पहुंचेंगी?
वैश्विक बाजार में चांदी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पहली बार स्पॉट सिल्वर की कीमत 75 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई है। बाजार के जानकारों का कहना है कि यदि मांग इसी तरह बनी रही और आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ, तो अगले साल चांदी की कीमत 100 डॉलर प्रति औंस तक जा सकती है। ऐसे में भारत में इसकी कीमत ₹3 लाख प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
सोने की मजबूती
चांदी की तुलना में सोने की वृद्धि थोड़ी धीमी रही, लेकिन इसने निवेशकों को निराश नहीं किया। वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में मजबूती से बना रहा। पिछले एक साल में सोने ने लगभग 78 प्रतिशत का रिटर्न दिया। 31 दिसंबर 2024 को सोने का भाव ₹78,950 प्रति 10 ग्राम था, जो अब बढ़कर ₹1.40 लाख के पार पहुंच गया है।
दशकों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, पिछले एक साल में सोना वैश्विक स्तर पर 60 प्रतिशत से अधिक महंगा हुआ है। यह कई दशकों में इसका सबसे अच्छा प्रदर्शन माना जा रहा है। इसकी मुख्य वजह बढ़ती निवेश मांग है। भू-राजनीतिक तनाव, युद्ध जैसी स्थितियों और कमजोर डॉलर के कारण निवेशक सोने की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं।
सोना या चांदी: निवेश का सही विकल्प
विशेषज्ञों का कहना है कि सोना और चांदी दोनों को अलग दृष्टिकोण से देखना चाहिए। सोना अधिक स्थिर माना जाता है और संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर विकल्प है। वहीं, चांदी में तेजी की संभावना अधिक होती है, लेकिन इसके दाम तेजी से ऊपर-नीचे भी होते हैं। इसलिए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पोर्टफोलियो में सोना और चांदी दोनों को शामिल करें।
कीमतों में वृद्धि के प्रमुख कारण
वैश्विक स्तर पर बढ़ती अस्थिरता, टैरिफ और युद्ध का माहौल, सुरक्षित निवेश के रूप में सोने और चांदी की बढ़ती मांग, चांदी का बढ़ता औद्योगिक उपयोग, सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में चांदी की अधिक खपत, और चांदी की सीमित आपूर्ति, जिससे कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
