क्या नए जीएसटी सुधार से सस्ती होंगी आपकी पसंदीदा कारें और बाइक्स?

प्रधानमंत्री मोदी का नया जीएसटी सुधार
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को नए जीएसटी सुधार का तोहफ़ा देने की बात की थी। उन्होंने यह भी बताया था कि यह सुधार दिवाली से पहले लागू किया जाएगा। अब केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव का प्रस्ताव रखा है, जिसका मुख्य उद्देश्य टैक्स व्यवस्था को सरल बनाना और उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ को कम करना है।
छोटी कारों पर टैक्स में कमी
सरकारी सूत्रों के अनुसार, छोटी कारों को लक्ज़री वस्तुओं की श्रेणी से बाहर करने पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में, इन कारों पर 28% जीएसटी और पेट्रोल पर 1% तथा डीजल पर 3% उपकर लगाया जाता है, जिससे इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं। नए सुधार के तहत, इन्हें 18% टैक्स स्लैब में लाने की योजना है, जिससे मारुति ऑल्टो K10, वैगनआर, स्विफ्ट, डिजायर, हुंडई आई10, आई20, एक्सटर, टाटा टियागो और पंच जैसी कारें सस्ती हो सकती हैं।
महंगी कारों पर विशेष टैक्स
वहीं, बड़ी और महंगी कारों पर 28% टैक्स स्लैब को हटाकर इन्हें विशेष 40% श्रेणी में शामिल करने की योजना है। इसका अर्थ है कि केवल 5-7 लग्ज़री कारें या एसयूवी ही इस श्रेणी में रहेंगी। इससे सरकार को राजस्व प्राप्त होगा और आम ग्राहकों पर टैक्स का बोझ कम होगा।
मिड-साइज कारों को भी लाभ
वर्तमान में, 1.2 से 1.5 लीटर इंजन क्षमता वाली मिड-सेग्मेंट कारों पर 28% जीएसटी और 15% उपकर लगाया जाता है, जिससे कुल टैक्स दर 43% तक पहुंच जाती है। प्रस्तावित बदलाव के बाद इन्हें 40% स्लैब में लाया जा सकता है, जिससे टाटा नेक्सन, हुंडई क्रेटा, किआ सेल्टॉस, सोनेट और मारुति ब्रेजा जैसी कारों की कीमतें भी कम हो सकती हैं।
मोटरसाइकिल खरीदारों के लिए राहत
कारों के साथ-साथ मोटरसाइकिल सेग्मेंट में भी बदलाव की संभावना है। वर्तमान में, 350 सीसी तक की बाइक्स पर 28% जीएसटी लगाया जाता है। प्रस्ताव है कि इसे घटाकर 18% किया जाए, जिससे बजाज पल्सर, टीवीएस अपाचे, होंडा शाइन, हीरो स्प्लेंडर और यामाहा की एंट्री-लेवल बाइक्स की कीमतें घट सकती हैं। वहीं, 350 सीसी से अधिक इंजन वाली बाइक्स पर ऊंची टैक्स दर जारी रह सकती है।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव
भारत में दोपहिया वाहनों की मांग कारों की तुलना में अधिक है। ऐसे में एंट्री-लेवल बाइक्स पर 10% टैक्स में कमी से ग्राहकों को सीधी राहत मिलेगी और बिक्री में वृद्धि हो सकती है। इसी तरह, छोटी कारों पर टैक्स में कमी से मध्यमवर्गीय परिवारों को लाभ होगा और ऑटो सेक्टर की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।