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क्या नए लेबर कोड से कर्मचारियों की सैलरी में कमी आएगी? जानें विशेषज्ञों की राय

भारत में नए श्रम कानूनों के तहत 29 पुराने श्रम कानूनों को समाहित कर चार नए लेबर कोड लागू किए गए हैं। इन बदलावों से कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में कमी आने की संभावना है, जबकि रिटायरमेंट लाभों में वृद्धि हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नए वेतन संरचना के तहत सैलरी की परिभाषा में बदलाव किया गया है, जिससे कर्मचारियों को अधिक सुरक्षा मिलेगी। जानें इस विषय पर और क्या कहते हैं विशेषज्ञ।
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क्या नए लेबर कोड से कर्मचारियों की सैलरी में कमी आएगी? जानें विशेषज्ञों की राय

नई श्रम कोड का प्रभाव


नई दिल्ली: भारत में श्रम सुधारों के तहत, सरकार ने 29 पुराने श्रम कानूनों को समाहित करते हुए चार नए लेबर कोड लागू किए हैं। इन नए नियमों के साथ, वेतन संरचना, ग्रेच्युटी, पीएफ और पेंशन की व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है। इसके अतिरिक्त, सोशल सिक्योरिटी का दायरा भी बढ़ा दिया गया है, जिसमें अब फिक्स्ड टर्म कर्मचारी, कॉन्ट्रैक्ट वर्कर और गिग वर्कर शामिल हैं।


कर्मचारियों को मिलेगी सुरक्षा

नए कोड्स के लागू होने से कंपनियों के लिए प्रक्रियाएं सरल होंगी, जबकि कर्मचारियों को दीर्घकालिक सुरक्षा और बेहतर रिटायरमेंट लाभ प्राप्त होंगे। हालांकि, एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि क्या इससे कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में कमी आएगी? विशेषज्ञों का मानना है कि यह संभव है।


रिटायरमेंट सुरक्षा पर प्रभाव

रिटायरमेंट सिक्योरिटी ?


ट्राइलीगल में श्रम और रोजगार के पार्टनर अतुल गुप्ता का कहना है कि पुराने श्रम कानूनों में बदलाव से करोड़ों कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट सुरक्षा में सुधार होगा। उनके अनुसार, नए कानून से पीएफ, पेंशन और रिटायरमेंट फंड में वृद्धि होगी, लेकिन लाखों कर्मचारियों की मासिक टेक-होम सैलरी में कमी आ सकती है।


नए वेतन संरचना का निर्धारण

कैसे तय होगा नया सैलरी स्ट्रक्चर?


विशेषज्ञों के अनुसार नए वेतन कोड के तहत 'मजदूरी' की परिभाषा में बदलाव किया गया है। अब इसमें शामिल होंगे:



  • बेसिक सैलरी


  • महंगाई भत्ता (DA)


  • रिटेनिंग भत्ता



नियमों के अनुसार, कुल सैलरी का कम से कम 50% इन्हीं मदों से जुड़ा होना चाहिए। इसलिए भविष्य निधि (PF), ग्रेच्युटी और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभों के कैलकुलेशन पर सीधा असर पड़ेगा।


सैलरी में कमी की संभावना

क्या वास्तव में सैलरी कम हो जाएगी?


नांगिया समूह की पार्टनर अंजलि मल्होत्रा ने बताया कि अब बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और रिटेनिंग भत्ता को शामिल किया जाएगा। कुल सैलरी में 50% वेतन ग्रेच्युटी, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा लाभों से जोड़ा जाएगा। इससे कंपनी और कर्मचारी दोनों का योगदान बढ़ेगा, जिसका अर्थ है कि कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में कमी आ सकती है।


ग्रेच्युटी के नए नियम

ग्रेच्युटी के नए नियम और उनका प्रभाव


ईवाई इंडिया के पार्टनर पुनीत गुप्ता के अनुसार, अब ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन 'मजदूरी' के आधार पर होगा, जिसमें बेसिक सैलरी, एचआरए और वाहन भत्ते को छोड़कर लगभग सभी भत्ते शामिल होंगे। इससे रिटायरमेंट लाभ बढ़ेंगे, लेकिन टेक-होम सैलरी घट सकती है।