क्या भारतीय अर्थव्यवस्था अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से उबर पाएगी?

वित्त मंत्रालय की नई रिपोर्ट
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि हाल ही में लागू अमेरिकी टैरिफ का भारतीय निर्यात पर तात्कालिक प्रभाव सीमित हो सकता है, लेकिन इसके द्वितीयक और तृतीयक प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कई चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकते हैं। यह रिपोर्ट अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के संदर्भ में प्रस्तुत की गई है, जो भारतीय निर्यात को प्रभावित करेगा।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता
मंत्रालय के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता इन प्रभावों के समाधान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 27 अगस्त से लागू होने वाला 50 प्रतिशत शुल्क लगभग 48 अरब डॉलर के निर्यात को प्रभावित करेगा। इसमें कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, झींगा, चमड़ा, जूते, पशु उत्पाद, रसायन, विद्युत और यांत्रिक मशीनरी जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
अर्थव्यवस्था पर संभावित नकारात्मक प्रभाव
अर्थव्यवस्था को नकारात्मक असर
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए इस शुल्क का प्रभाव अनिश्चित हो सकता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणामों से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट भविष्य में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ सकता है, लेकिन यदि सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर कार्य करें, तो इन प्रभावों को कम किया जा सकता है।
सकारात्मक दिशा में कदम
मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया कि यदि सही दिशा में कदम उठाए जाएं, तो ये व्यवधान भारत को और अधिक मजबूती से उभरने का अवसर प्रदान कर सकते हैं, खासकर छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए। इसके अलावा, भारत अपने व्यापार रणनीतियों में विविधीकरण और वैश्विक बदलावों के अनुसार पुनर्संरेखण की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। हाल ही में, भारत ने ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) और अमेरिका, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड, चिली और पेरू के साथ एफटीए वार्ताएं भी शुरू की हैं।
रिपोर्ट में अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू मोर्चे पर अधिक वर्षा और बेहतर खरीफ फसल बुवाई से खाद्यान्न की कीमतें स्थिर रह सकती हैं, जिससे मुद्रास्फीति पर काबू पाया जा सकता है। सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आर्थिक सुधारों की दिशा में कई पहल की हैं, जिसमें व्यापारिक सुधार और रोजगार सृजन के प्रयास शामिल हैं। इन पहलों से रोजगार के अवसरों में वृद्धि और अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।
समग्र रूप से, वित्त मंत्रालय का मानना है कि सरकार की ये सुधार पहलें भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगी और दीर्घकालिक विकास के लिए सकारात्मक दिशा में ले जाएंगी।