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खुदरा महंगाई दर में ऐतिहासिक गिरावट, 2.82 फीसदी पर पहुंची

हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर में गिरावट का नया रिकॉर्ड बना है, जो मई में 2.82 फीसदी पर पहुंच गई है। यह पिछले छह वर्षों में सबसे कम है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी के चलते यह गिरावट आई है। जानें इस गिरावट के पीछे के कारण और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियों का क्या प्रभाव है।
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खुदरा महंगाई दर में ऐतिहासिक गिरावट, 2.82 फीसदी पर पहुंची

महंगाई दर में कमी का नया रिकॉर्ड

नई दिल्ली। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है। मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 2.82 फीसदी तक पहुंच गई, जो कि पिछले छह वर्षों में सबसे कम है। इससे पहले मार्च 2019 में यह दर 2.86 फीसदी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में निरंतर कमी के कारण यह गिरावट आई है।


अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 3.16 फीसदी तक गिर गई थी, जबकि मार्च में यह 3.34 फीसदी थी। यह आंकड़ा पिछले 67 महीनों में सबसे कम है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर को चार फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है, जिसमें अधिकतम दो फीसदी की वृद्धि या कमी की अनुमति है। फरवरी से खुदरा महंगाई दर इस लक्ष्य से नीचे बनी हुई है।


महंगाई के बास्केट में खाद्य वस्तुओं का योगदान लगभग 50 फीसदी है। महीने दर महीने की महंगाई दर 1.78 फीसदी से घटकर 0.99 फीसदी हो गई है। अप्रैल में ग्रामीण महंगाई दर 2.92 फीसदी से घटकर 2.59 फीसदी हो गई, जबकि शहरी महंगाई 3.36 फीसदी से घटकर 3.07 फीसदी पर आ गई है। इसके अलावा, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में आधा फीसदी की कमी की गई थी। महंगाई में कमी के चलते आरबीआई ब्याज दरों में लगातार कटौती कर रहा है। मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान 4 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया है।