गाज़ा संघर्ष में नया मोड़: ट्रंप ने ईरान को शांति वार्ता में शामिल किया

गाज़ा और इज़राइल के बीच संघर्ष में नया मोड़
गाज़ा और इज़राइल के बीच चल रहे लंबे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि ईरान अब हमास के साथ शांति वार्ता में शामिल होगा और इज़राइल से सीधा संपर्क करेगा। ट्रंप ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उनका उद्देश्य युद्धविराम को जल्द से जल्द लागू करना और दोनों पक्षों के बीच स्थायी शांति स्थापित करना है।
अमेरिका पहले सऊदी अरब, कतर और तुर्किए जैसे देशों के माध्यम से हमास और इज़राइल के बीच संवाद स्थापित करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इन प्रयासों में कोई ठोस सफलता नहीं मिली। हाल ही में अमेरिकी शांति दूत विटकॉफ ने कहा था कि समझौता बहुत करीब है, लेकिन न तो हमास और न ही इज़राइल ने उस प्रस्ताव को स्वीकार किया। इसके बाद अमेरिका ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए सीधे ईरान से संपर्क करने का निर्णय लिया।
ईरान की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?
ईरान की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?
हमास को आर्थिक और सैन्य सहायता प्रदान करने वाला प्रमुख देश ईरान है। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि यदि ईरान वार्ता के लिए तैयार हो जाता है, तो हमास को युद्ध रोकने के लिए मनाना आसान होगा। इसी कारण ट्रंप प्रशासन ने ईरान को वार्ता की मेज पर लाने का निर्णय लिया है। इस कदम के पीछे यह विश्वास भी है कि ईरान के शामिल होने से संघर्षविराम जल्दी हो सकता है।
तुर्किए और सऊदी अरब को झटका
तुर्किए और सऊदी अरब को झटका
इस नई डील से तुर्किए और सऊदी अरब को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। ये दोनों देश मध्य-पूर्व में शांति के बड़े बिचौलिए के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते थे, लेकिन ईरान की सीधी एंट्री ने उनके इस प्रयास को झटका दिया है।
गाज़ा में ईरान की बढ़ती भूमिका
गाज़ा में ईरान की भूमिका और बढ़ेगी
यदि यह डील सफल होती है, तो गाज़ा में ईरान की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। शांति के बाद गाज़ा के पुनर्निर्माण, प्रशासन और राजनीतिक ढांचे में भी ईरान की सीधी भागीदारी हो सकती है। नई सरकार की संरचना से लेकर फंडिंग और रणनीतिक दिशा तय करने तक, ईरान की भूमिका निर्णायक मानी जा रही है।