गेहूं के दामों में गिरावट: जानें कारण और वर्तमान स्थिति

गेहूं के दामों में गिरावट
गेहूं की कीमतों में गिरावट का विश्लेषण। जून की शुरुआत में गेहूं की कीमतें बढ़ रही थीं, लेकिन अब इनमें अचानक कमी आई है। इसके पीछे कई कारण हैं। किसानों ने कम दाम मिलने के कारण गेहूं को स्टॉक करना शुरू कर दिया है।
सरकारी खरीद का लक्ष्य अधिकांश राज्यों में पूरा हो चुका है, जिससे मंडियों में गेहूं की आवक में कमी आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि दामों में गिरावट का यह एक प्रमुख कारण है।
उत्तर प्रदेश में गेहूं की कीमतें
उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं की कीमतें एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर यह 2410 रुपये प्रति क्विंटल भी बिक रहा है।
इसकी वजह गेहूं की गुणवत्ता है; उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं के दाम एमएसपी के करीब हैं, जबकि निम्न गुणवत्ता वाले गेहूं कम दाम पर बिक रहे हैं।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की स्थिति
मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी गेहूं की बिक्री की स्थिति उत्तर प्रदेश के समान है। इन राज्यों में गेहूं पर बोनस भी दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं के दाम 2425 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जबकि राजस्थान में यह 2420 रुपये प्रति क्विंटल है।
यह बोनस अलग से दिया जा रहा है; राजस्थान में एक क्विंटल गेहूं पर 150 रुपये और मध्य प्रदेश में 175 रुपये बोनस मिल रहा है।
गिरावट का मुख्य कारण
कई राज्यों में बारिश के कारण गेहूं में नमी आ गई है, जिससे खरीदारों की रुचि कम हो गई है। इस स्थिति में किसानों को कम दाम पर गेहूं बेचना पड़ रहा है।
भविष्य में गेहूं की कीमतों में बदलाव
विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही गेहूं की कीमतों में फिर से बदलाव आएगा। जुलाई और अगस्त में कीमतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि मानसून अपने चरम पर होगा और गेहूं से बने उत्पादों की मांग में वृद्धि हो सकती है। इस कारण गेहूं की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।