गोल्ड लोन पर NPA अनुपात में वृद्धि, RBI और सरकार के कदम

गोल्ड लोन पर NPA अनुपात का हाल
संसद में सोमवार को बताया गया कि शेड्यूल्ड वाणिज्यिक बैंकों के लिए गोल्ड लोन पर सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) का अनुपात मार्च 2023 में 0.2% से बढ़कर मार्च 2025 तक 0.22% हो गया है। इसी अवधि में ऊपरी और मध्य-स्तरीय NBFCs के लिए यह अनुपात 1.21% से बढ़कर 2.14% हो गया है।वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि RBI के लोकपाल कार्यालय को वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान गोल्ड लोन से संबंधित 188 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिन्हें RBI एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 के तहत निपटाया जा रहा है।
बैंकों और NBFCs द्वारा गोल्ड लोन में शामिल जोखिमों को कम करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इनमें सोने की शुद्धता का नियमित मूल्यांकन, प्रशिक्षित मूल्यांककों की नियुक्ति, CCTV निगरानी के तहत मूल्यांकन, और नियमित ऑडिट शामिल हैं।
सरकार और RBI ने गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 1 जनवरी, 2022 से 31 जनवरी, 2024 के बीच अपने गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की व्यापक समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। RBI ने सभी पर्यवेक्षित संस्थाओं को अपनी गोल्ड लोन नीतियों की समीक्षा करने और सुधारात्मक उपायों को लागू करने की सलाह दी है।
RBI के मौजूदा निर्देशों के अनुसार, सोने के आभूषणों और जवाहरात के मूल्य का 75% से अधिक का ऋण देने की अनुमति नहीं है। मंत्री ने कहा कि यह लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात पूरे ऋण कार्यकाल के दौरान बनाए रखा जाना चाहिए।