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चरखी दादरी में बारिश से फसलों को भारी नुकसान, किसानों के लिए खोला गया ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल

चरखी दादरी में लगातार बारिश ने किसानों के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। अब तक 570 एमएम बारिश के कारण बाजरा और कपास की फसलों में 60 प्रतिशत तक क्षति हुई है। विधायक सुनील सांगवान ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस नुकसान की जानकारी दी। इसके बाद, किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है, जहां उन्हें 10 सितंबर तक अपने नुकसान की जानकारी अपलोड करनी होगी। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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चरखी दादरी में बारिश से फसलों को भारी नुकसान, किसानों के लिए खोला गया ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल

बारिश का कहर जारी

E Kshatipurti Portal, सिटी रिपोर्टर | चरखी दादरी : जिले में बारिश का सिलसिला अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसने किसानों के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर दी हैं। अब तक 570 एमएम बारिश ने फसलों को व्यापक नुकसान पहुँचाया है। कृषि विभाग के अनुसार, बाजरा और कपास की फसलों में लगभग 60 प्रतिशत तक क्षति हुई है। इस नुकसान की जानकारी विधायक सुनील सांगवान ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान दी है।


फसलों पर बारिश का प्रभाव

विधायक की मांग पर सीएम ने खोला पोर्टल

विधायक की अपील पर मुख्यमंत्री ने जिले की फसलों को खराब मानते हुए मंगलवार को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल सक्रिय कर दिया है। किसानों को अपनी फसलों के नुकसान की जानकारी फोटो सहित 10 सितंबर तक अपलोड करनी होगी। विधायक ने किसानों से अनुरोध किया है कि वे तुरंत पोर्टल पर अपने नुकसान की जानकारी दर्ज करें ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके।


ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया

सीएम ने की वीडियो कांफ्रेंस

डीसी मुनीश शर्मा के साथ, सीएम नायब सैनी ने विधायक सुनील सांगवान द्वारा दी गई जानकारी के बाद वीडियो कांफ्रेंस की। इस दौरान जिले में जलभराव की स्थिति का आकलन किया गया। सीएम ने निर्देश दिए हैं कि आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी 24 घंटे मुख्यालय पर तैनात रहें। उन्होंने कहा कि किसानों का नुकसान तुरंत ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड किया जाए और पटवारी व कानूनगो को निरीक्षण के लिए भेजा जाए।


जलघरों में नहरी पानी का उपयोग नहीं

फसलों की सुरक्षा के लिए कीटनाशक का उपयोग

फिलहाल, खेतों में बरसाती पानी भरा हुआ है। किसानों ने फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए कई कीटनाशक दवाइयां डाली हैं, जो अब बरसाती पानी में मिल गई हैं। सिंचाई विभाग खेतों में भरे पानी को इंदिरा कैनाल और बधवाना डिस्ट्रीब्यूटरी में डाल रहा है।

यह पानी जलघरों में भेजा जाता है, जहां से इसे घरों में सप्लाई किया जाता है। जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन सोहन लाल जांगड़ा ने बताया कि कीटनाशक युक्त पानी पीने से लोगों में बीमारियां फैल सकती हैं। इसलिए, पेयजल की पूर्ति के लिए जलघरों में मौजूद पानी का ही उपयोग किया जाएगा।


जिले में बारिश का आंकड़ा

पिछले तीन दिनों में लगातार बारिश

मंगलवार को दादरी में 46 एमएम, बाढड़ा में 12 एमएम और बौंद कलां में 66 एमएम बारिश हुई है। इस प्रकार, जिले में औसतन 41.33 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जिससे फसलों में जलभराव की स्थिति और भी गंभीर हो गई है।