चांदी की कीमतों में अचानक गिरावट: निवेशकों के लिए क्या है आगे का रास्ता?
चांदी में उतार-चढ़ाव का चौंकाने वाला दिन
नई दिल्ली: सोमवार को सर्राफा बाजार में चांदी ने एक अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव का अनुभव किया, जिसने निवेशकों को चौंका दिया। दिन की शुरुआत में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी की कीमतें 2.54 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं, लेकिन यह तेजी अधिक समय तक नहीं टिक सकी। कुछ घंटों के भीतर, बाजार की दिशा में अचानक बदलाव आया और चांदी की कीमतें लगभग 21,500 रुपये प्रति किलो गिर गईं।
एक घंटे में चांदी की कीमतों में भारी गिरावट
सुबह के समय जब चांदी ने 2,54,174 रुपये प्रति किलो का स्तर छुआ, तब यह उम्मीद की जा रही थी कि साल का अंतिम कारोबारी सत्र चांदी के लिए लाभकारी रहेगा। निवेशकों में उत्साह था, लेकिन अचानक मुनाफावसूली शुरू हो गई। जैसे ही बड़े ट्रेडरों ने लाभ सुरक्षित करने के लिए बिकवाली की, चांदी की कीमतें तेजी से गिरकर 2,32,663 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गईं। इस तेज गिरावट ने बाजार में हलचल पैदा कर दी।
गिरावट के पीछे के कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट एकल कारण से नहीं, बल्कि कई कारकों के संयोजन से आई है। चांदी में हाल के समय में तेजी देखी गई थी, इसलिए मुनाफावसूली स्वाभाविक थी। जब कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचती हैं, तो निवेशक जोखिम कम करने के लिए बिकवाली करते हैं, जिससे कीमतें अचानक गिर जाती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव
घरेलू बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार ने भी चांदी की कीमतों पर गहरा प्रभाव डाला। वैश्विक बाजार में चांदी की कीमत पहले 80 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गई थी, लेकिन बाद में यह घटकर 75 डॉलर के आसपास आ गई। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन तनाव में कुछ सकारात्मक संकेतों के कारण 'सेफ हेवन' यानी सुरक्षित निवेश की मांग में कमी आई, जिससे चांदी पर दबाव बढ़ गया।
पिछले एक साल में चांदी का प्रदर्शन
हालांकि गिरावट के बावजूद, चांदी ने पिछले एक वर्ष में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। दिसंबर 2024 में चांदी का भाव लगभग 90 हजार रुपये प्रति किलो था, जो अब 150 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुका है। सोमवार को रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर चांदी ने यह स्पष्ट कर दिया कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण से इसकी मजबूती बनी हुई है।
चांदी की कीमतों में तेजी के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की कीमतों में तेजी के पीछे कई मजबूत कारण हैं। औद्योगिक मांग में निरंतर वृद्धि, निवेशकों का कीमती धातुओं की ओर झुकाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने चांदी की मांग को बढ़ावा दिया है। विशेष रूप से ग्रीन एनर्जी सेक्टर, इलेक्ट्रिक वाहनों और सोलर पैनल्स में चांदी के बढ़ते उपयोग ने इसकी कीमतों को सहारा दिया है।
निवेशकों के लिए आगे का रास्ता
विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी में आगे भी उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। अल्पकालिक मुनाफावसूली के दबाव से गिरावट संभव है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए चांदी अभी भी एक आकर्षक विकल्प बनी हुई है। ऐसे में निवेशकों को जल्दबाजी से बचते हुए बाजार की चाल को समझकर निर्णय लेने की सलाह दी जा रही है।
