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चारधाम यात्रा 2025: श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि

चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, जबकि मौसम की चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। इस वर्ष यात्रा में 40 लाख से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं, जिसमें केदारनाथ सबसे अधिक लोकप्रिय है। जानें यात्रा की अद्भुत जानकारी और बंद सड़कों की स्थिति के बारे में।
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चारधाम यात्रा 2025: श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि

चारधाम यात्रा का अद्भुत अनुभव

चारधाम यात्रा 2025: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा इस वर्ष सभी पूर्व के रिकॉर्ड तोड़ रही है। भारी बारिश और लगातार भूस्खलनों के बावजूद, श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। जुलाई के अंत से पहले, चारधाम यात्रा में 40 लाख से अधिक लोग शामिल हो चुके हैं, जबकि यात्रा के तीन महीने अभी बाकी हैं।


यात्रा की शुरुआत और केदारनाथ का आकर्षण

इस बार 30 अप्रैल को 84 दिनों की चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी। केदारनाथ धाम सबसे अधिक श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है, जहां अब तक 14.19 लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके हैं।


मौसम की चुनौतियाँ

मौसम बना चुनौती

भारी बारिश और खराब मौसम के कारण राज्य में 54 सड़कों को बंद करना पड़ा है, जिनमें दो राष्ट्रीय हाईवे भी शामिल हैं। इससे यात्रियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जोशीमठ-मलारी-नीति राष्ट्रीय हाईवे, चमोली जिले के भपकुंड क्षेत्र में चट्टान गिरने के कारण बंद हो गया है। वहीं, घाटियाबगड़-लिपुलेख-गुंजी मार्ग पिथौरागढ़ के लामारी के पास अवरुद्ध है।


बंद सड़कों की जानकारी

किस जिले में कितनी सड़कें बंद?

  • उत्तरकाशी: 5
  • टिहरी: 6
  • रुद्रप्रयाग: 7
  • पिथौरागढ़: 9
  • पौड़ी: 11
  • चमोली: 10
  • देहरादून: 3
  • नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा: 1-1


श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि

श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त उछाल

उत्तराखंड पर्यटन विभाग के यात्रा डिवीजन के संयुक्त निदेशक योगेंद्र गंगवार के अनुसार, यात्रा शुरू होने के 85 दिनों के भीतर 40.6 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम और हेमकुंड साहिब पहुंच चुके हैं। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई को जहां प्रतिदिन 8,000 यात्री आ रहे थे, अब यह आंकड़ा 30,000 प्रतिदिन तक पहुंच चुका है।


अब तक पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या

अब तक पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या:

  • केदारनाथ: 14,19,555
  • बद्रीनाथ: 11,89,747
  • गंगोत्री: 6,58,232
  • यमुनोत्री: 5,77,798
  • हेमकुंड साहिब: 2,18,536