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चीन से अमेरिका और यूरोप के लिए शिपिंग दरों में भारी गिरावट

चीन से अमेरिका और यूरोप के लिए शिपिंग दरों में अचानक गिरावट आई है, जो कि डोनाल्ड ट्रंप की 'टैरिफ की धमकी' के कारण हो रही है। कंपनियों ने नए ऑर्डर रोक दिए हैं, जिससे कंटेनर खाली पड़े हैं। जानें इस गिरावट के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभाव के बारे में।
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चीन से अमेरिका और यूरोप के लिए शिपिंग दरों में भारी गिरावट

शिपिंग उद्योग में हलचल

अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाली घटना घटित हुई है। चीन से अमेरिका और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में सामान ले जाने वाले समुद्री जहाजों के कंटेनरों का किराया अचानक से काफी गिर गया है। यह गिरावट इतनी गंभीर है कि इसने शिपिंग उद्योग में हलचल मचा दी है। कुछ समय पहले जो किराया आसमान छू रहा था, वह अब 25% से 35% तक कम हो गया है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि स्थिति इतनी बदल गई?


इस गिरावट का मुख्य कारण डोनाल्ड ट्रंप की 'टैरिफ की धमकी' मानी जा रही है। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि वे चुनाव जीतते हैं, तो वे चीन से आने वाले सामान पर 60% तक का भारी टैक्स लगाने का इरादा रखते हैं। इस धमकी का प्रभाव यह हुआ है कि अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों में चिंता का माहौल बन गया है। उन्हें डर है कि यदि ट्रंप वापस सत्ता में आए, तो चीन से सामान मंगाना बहुत महंगा हो जाएगा। इसी डर के चलते, कई कंपनियों ने चीन से अपने नए ऑर्डर रोक दिए हैं या उन्हें काफी कम कर दिया है।


जब कंपनियों ने ऑर्डर देना बंद कर दिया, तो चीन की फैक्ट्रियों से निकलने वाला सामान भी कम हो गया। नतीजतन, बंदरगाहों पर कंटेनर तो खाली खड़े हैं, लेकिन उनमें सामान भरने के लिए कुछ नहीं है। डिमांड और सप्लाई के नियमों के अनुसार, जब सामान की मांग कम हो गई, तो कंटेनर ले जाने वाले जहाजों को अपने किराए में कमी करनी पड़ी। स्थिति यह है कि शिपिंग कंपनियां अब किसी भी कीमत पर अपने जहाजों को खाली नहीं रखना चाहतीं।


बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट कुछ समय तक जारी रह सकती है, क्योंकि जब तक अमेरिका में चुनाव के परिणाम स्पष्ट नहीं होते, तब तक कोई भी कंपनी बड़ा जोखिम लेने के लिए तैयार नहीं है।