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ज़ेप्टो ने आईपीओ के लिए दस्तावेज़ दाखिल किए, क्विक-कॉमर्स में नई संभावनाएँ

ज़ेप्टो, जो 10 मिनट में डिलीवरी करने वाली एक प्रमुख स्टार्टअप है, ने अपने आईपीओ के लिए दस्तावेज़ दाखिल किए हैं। यह कदम भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड फंड जुटाने के समय पर आया है। ज़ेप्टो की स्थापना 2021 में हुई थी और यह तेजी से शहरी उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हो गई है। कंपनी का मुकाबला ब्लिंकइट और स्विगी इंस्टामार्ट जैसे बड़े खिलाड़ियों से है। इसके आईपीओ से बाजार में नई संभावनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
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ज़ेप्टो ने आईपीओ के लिए दस्तावेज़ दाखिल किए, क्विक-कॉमर्स में नई संभावनाएँ

ज़ेप्टो का आईपीओ: क्विक-कॉमर्स में नया अध्याय

भारत के तेजी से विकसित हो रहे क्विक-कॉमर्स क्षेत्र से एक महत्वपूर्ण सूचना आई है। 10 मिनट में डिलीवरी करने वाली स्टार्टअप ज़ेप्टो ने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के लिए गोपनीयता के साथ दस्तावेज़ प्रस्तुत किए हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारतीय शेयर बाजार 2025 में रिकॉर्ड फंड जुटाने की दिशा में अग्रसर है।




ज़ेप्टो की स्थापना 2021 में हुई थी और यह जल्दी ही शहरी ग्राहकों के बीच लोकप्रियता हासिल कर चुकी है। वर्तमान में, कंपनी 45,000 से अधिक उत्पादों की डिलीवरी करती है, जिसमें किराना से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक शामिल हैं। ज़ेप्टो का मुकाबला प्रमुख खिलाड़ियों जैसे ब्लिंकइट और स्विगी इंस्टामार्ट से है।




हालिया जानकारी के अनुसार, कंपनी ने अक्टूबर में अपने पिछले फंडिंग राउंड में 45 करोड़ डॉलर जुटाए थे, जिससे इसका मूल्यांकन लगभग 7 अरब डॉलर हुआ था। अब ज़ेप्टो आईपीओ के माध्यम से पूंजी बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना बना रही है।




गौर करने वाली बात यह है कि गोपनीय फाइलिंग के तहत कंपनियों को आईपीओ से संबंधित जानकारी सार्वजनिक किए बिना नियामक प्रक्रियाओं को पूरा करने की अनुमति मिलती है, जिससे बाजार की अस्थिरता से बचा जा सके।




भारत में बढ़ती क्विक-कॉमर्स की मांग, शहरी जीवनशैली में बदलाव और त्वरित डिलीवरी की आदत ने इस क्षेत्र को निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है। ऐसे में ज़ेप्टो का आईपीओ भविष्य में बाजार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।