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जीएसटी काउंसिल की बैठक: टैक्स में कटौती की उम्मीदें

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में टैक्स ढांचे में सुधार और दरों में कटौती की संभावना पर चर्चा हो रही है। व्यापारियों की नजरें इस बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने दिवाली के अवसर पर जीएसटी सुधार का संकेत दिया है। प्रस्तावित बदलावों से मध्यम वर्ग को राहत मिलने की उम्मीद है, जबकि कुछ क्षेत्रों में टैक्स बढ़ाने की भी संभावना है। जानें किन वस्तुओं पर टैक्स में कमी और किन पर वृद्धि हो सकती है।
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जीएसटी काउंसिल की बैठक: टैक्स में कटौती की उम्मीदें

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक

जीएसटी काउंसिल की बैठक: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक आयोजित की जा रही है। इस बैठक पर व्यापारियों और उद्योग जगत की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि सरकार टैक्स ढांचे को सरल बनाने और दरों में कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही संकेत दिया था कि कारोबारी वर्ग को इस बार दिवाली के अवसर पर जीएसटी सुधार देखने को मिल सकते हैं।


जीएसटी दरों में संभावित बदलाव

वर्तमान में जीएसटी की चार दरें हैं: 5%, 12%, 18% और 28%। काउंसिल इन दरों को सरल बनाकर दो स्लैब में लाने पर विचार कर रही है। प्रस्तावों के अनुसार, 28% पर टैक्स वाली वस्तुएं 18% पर आ सकती हैं, जबकि 18% वाली वस्तुओं को घटाकर 12% या 5% तक किया जा सकता है। हालांकि, तंबाकू, पान मसाला और लग्जरी गाड़ियों पर 40% का विशेष 'सिन टैक्स' जारी रहेगा।


किस क्षेत्र को मिलेगी राहत?

ऑटोमोबाइल सेक्टर: इस क्षेत्र को सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है। छोटे कार मॉडल (1200 सीसी तक) और मोटरसाइकिल (350 सीसी तक) पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है। होटल और मूवी टिकटों पर 12% से घटाकर 5% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। स्वास्थ्य सेवाओं में भी राहत दी जा सकती है, जिसमें कैंसर की दवाओं को पूरी तरह जीएसटी मुक्त करने और अन्य दवाओं व बीमा पर टैक्स कम करने की बात की जा रही है।


दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स

दैनिक उपयोग की वस्तुएं: पनीर, पिज्जा ब्रेड, बटर, जूस, नारियल पानी, पास्ता और आइसक्रीम जैसी वस्तुओं पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है। कृषि क्षेत्र के लिए भी बड़ी राहत की उम्मीद है। सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया जैसे खाद्य इनपुट पर टैक्स 18% से घटकर 5% हो सकता है। टेक्सटाइल सेक्टर में सिंथेटिक यार्न, कालीन और हैंडीक्राफ्ट्स पर टैक्स को 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है।


किस पर पड़ेगा असर?

लग्जरी वस्तुएं: सिगरेट और तंबाकू पर 40% तक टैक्स बढ़ सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी असर पड़ सकता है। छोटे ईवी पर टैक्स राहत जारी रहेगी, लेकिन 20 से 40 लाख कीमत वाले ईवी पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 18% किया जा सकता है। कोयले पर टैक्स 5% से बढ़कर 18% हो सकता है, जिससे बिजली उत्पादकों पर बोझ बढ़ेगा। महंगे कपड़े जो 2500 रुपये से ऊपर होंगे, उन पर जीएसटी 18% हो सकता है।


मध्यम वर्ग को राहत

विशेषज्ञों की राय: इन बदलावों से मध्यम वर्ग को सीधी राहत मिलेगी और घरेलू खपत को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, सरकार को लगभग 50 हजार करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है। इसके बावजूद, सरकार को उम्मीद है कि ये सुधार बाजार की गति और निवेश को बढ़ाएंगे।