जीएसटी दरों में कटौती से सरकार को वित्तीय नुकसान का अनुमान

जीएसटी में कमी का प्रभाव
केंद्र सरकार का जीएसटी में कटौती का निर्णय
केंद्र सरकार ने अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से उद्योगों और आम जनता को राहत देने के लिए जीएसटी दरों में कमी करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री द्वारा लिया गया। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी।
सरकार का मानना है कि त्योहारी सीजन में जीएसटी में कमी से खरीदारी में वृद्धि होगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अनुसार, हाल की कटौती से सरकार को कम से कम 3,700 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी में सुधार के लिए दरों में कमी से यह राजस्व हानि होगी।
राजकोषीय घाटे पर प्रभाव नहीं
रिपोर्ट के अनुसार, विकास और उपभोग में वृद्धि के कारण न्यूनतम राजस्व हानि 3,700 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जिसका राजकोषीय घाटे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हाल ही में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में चार-स्तरीय ढांचे को दो-स्तरीय ढांचे में बदल दिया गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने से बैंकिंग क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रभावी भारित औसत दर 2017 में लागू होने के समय 14.4 प्रतिशत से घटकर 9.5 प्रतिशत हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की जीएसटी दर में कमी से सीपीआई मुद्रास्फीति में भी कमी आ सकती है।