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जीएसटी में बड़ा बदलाव: नई दरें और उपभोक्ताओं को मिलने वाले फायदे

भारत की जीएसटी काउंसिल ने टैक्स संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसमें चार स्तरों को घटाकर दो दरें रखी गई हैं। नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। लगभग 295 आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स में कमी की गई है, जिससे महंगाई में कमी आने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बाजार में खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जानें इस बदलाव के सभी पहलुओं के बारे में।
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जीएसटी में बड़ा बदलाव: नई दरें और उपभोक्ताओं को मिलने वाले फायदे

जीएसटी काउंसिल का नया फैसला

राष्ट्रीय समाचार: भारत की जीएसटी काउंसिल ने टैक्स संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। पहले चार स्तरों में 5%, 12%, 18% और 28% शामिल थे, लेकिन अब इसे घटाकर केवल दो दरें—5% और 18%—रख दी गई हैं। इसके साथ ही, कुछ विशेष सेवाओं और लग्जरी सामान पर 40% का विशेष टैक्स लागू किया गया है। इस निर्णय से आम उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम होगा।


नई दरों का कार्यान्वयन

नई दरें कब लागू होंगी

नई जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी। तंबाकू और उससे संबंधित उत्पादों को छोड़कर लगभग सभी वस्तुओं पर नए टैक्स रेट लागू होंगे। रिपोर्ट के अनुसार, 453 वस्तुओं की टैक्स दरें बदली गई हैं, जिनमें से 413 पर टैक्स में कमी की गई है, जबकि केवल 40 वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाया गया है। इसका सीधा प्रभाव घरेलू बजट पर पड़ेगा।


जरूरी सामान की कीमतें कम

जरूरी सामान हुए सस्ते

लगभग 295 आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स को 12% से घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया है, जिसमें कई खाद्य सामग्री शामिल हैं। इसका अर्थ है कि आने वाले समय में ग्राहकों को 60% तक लाभ होगा। एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, इससे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई में 0.25 से 0.30% तक की कमी आ सकती है।


महंगाई पर प्रभाव

महंगाई पर क्या असर होगा

एसबीआई रिसर्च के अनुसार, नई दरों का सेवाओं पर भी प्रभाव पड़ेगा। सेवाओं की टैक्स दरों में सरलता से महंगाई में 0.40 से 0.45 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। इसका मतलब है कि ग्राहकों को कुल मिलाकर 50% तक लाभ हो सकता है। अनुमान है कि 2026-27 तक खुदरा महंगाई में 0.65 से 0.75% तक कमी दर्ज की जाएगी।


उपभोक्ताओं को लाभ

उपभोक्ताओं को होगा सीधा फायदा

नई जीएसटी दरों का सबसे बड़ा प्रभाव आम जनता की जेब पर पड़ेगा। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम होने से रोजमर्रा के खर्च में कमी आएगी। महंगाई पर नियंत्रण लगेगा और लोग राहत महसूस करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बाजार में खपत बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।


औसत टैक्स दर में कमी

औसत दर में भी कमी

जीएसटी काउंसिल के इस निर्णय से औसत टैक्स दर में भी कमी आई है। 2019 में औसत जीएसटी दर 14.4% थी, जो अब घटकर 11.6% हो गई है। नई दरों के बाद यह और घटकर 9.5% तक जा सकती है। इसका मतलब है कि सरकार ने टैक्स वसूली को सरल बनाते हुए ग्राहकों को राहत देने का बड़ा कदम उठाया है।


अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव

अर्थव्यवस्था पर होगा असर

विशेषज्ञों का कहना है कि नई टैक्स दरों से न केवल महंगाई में कमी आएगी, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जब वस्तुएं सस्ती होंगी, तो लोगों की खपत बढ़ेगी। इससे बाजार में धन का प्रवाह बढ़ेगा और उत्पादन में भी वृद्धि होगी। यह बदलाव आने वाले वर्षों में भारत की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा।