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जीएसटी में संभावित बदलाव से उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बना रही है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। प्रस्तावित बदलावों में कुछ आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% करने या 12% स्लैब को समाप्त करने का विचार शामिल है। यह कदम चुनावी वर्ष में राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में मदद कर सकता है। जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
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जीएसटी में संभावित बदलाव से उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

जीएसटी में प्रस्तावित परिवर्तन

केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ढांचे में जल्द ही महत्वपूर्ण परिवर्तन करने की योजना बना रही है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने बताया है कि एक प्रमुख प्रस्ताव यह है कि कुछ आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है या फिर 12% स्लैब को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है। वर्तमान में, 12% जीएसटी लागू करने वाली अधिकांश वस्तुएं आम नागरिकों द्वारा दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली वस्तुएं हैं, जो मध्यम वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के उपभोग पैटर्न में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 


सस्ती वस्तुओं की उम्मीद

इस योजना के तहत, इन वस्तुओं को 5% के निचले कर स्लैब में पुनर्वर्गीकृत किया जाएगा, जिससे वे अंतिम उपभोक्ताओं के लिए अधिक सस्ती हो जाएँगी। वैकल्पिक रूप से, सरकार 12% स्लैब को समाप्त कर सकती है और वस्तुओं को मौजूदा निचले या उच्च स्लैब में पुनः आवंटित कर सकती है। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। प्रोटोकॉल के अनुसार, परिषद की बैठक बुलाने से पहले 15 दिन का नोटिस देना आवश्यक है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, यह सत्र इस महीने के अंत में हो सकता है।


राजनीतिक महत्व

यह कदम राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, विशेषकर चुनावी वर्ष में, और यह आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने में मदद कर सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद, जिसमें राज्य वित्त मंत्री भी शामिल हैं, कर दरों में बदलाव की सिफारिश करने का अधिकार रखती है। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो यह 2017 में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू होने के बाद से जीएसटी दरों में सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक होगा।