Newzfatafatlogo

जीएसटी रिफॉर्म के बाद बाजार में वस्तुओं की कीमतें स्थिर, ग्राहकों की चिंताएं बढ़ीं

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए जीएसटी रिफॉर्म के बाद कई वस्तुओं की कीमतों में कमी का दावा किया गया है, लेकिन बाजार में वास्तविकता कुछ और ही है। ग्राहकों को दैनिक उपयोग की चीजें पुरानी कीमतों पर मिल रही हैं। जानें इस विषय पर और क्या कहा गया है और दुकानदारों की प्रतिक्रिया क्या है।
 | 
जीएसटी रिफॉर्म के बाद बाजार में वस्तुओं की कीमतें स्थिर, ग्राहकों की चिंताएं बढ़ीं

नई जीएसटी दरों का प्रभाव

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा 22 सितंबर से लागू किए गए नए जीएसटी रिफॉर्म के तहत कई वस्तुओं की कीमतों में कमी का दावा किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस संदर्भ में विभिन्न जिलों में धन्यवाद कार्यक्रम आयोजित कर रही है। वहीं, गोरखपुर से बीजेपी सांसद रविकिशन ने कहा है कि जीएसटी में कटौती के बाद वस्तुओं की कीमतें लगभग 50 प्रतिशत तक गिर गई हैं।

हालांकि, बाजार में दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतें अभी भी घटित दरों पर उपलब्ध नहीं हैं। एक मीडिया चैनल ने विभिन्न दुकानदारों से बातचीत की, जिससे वास्तविकता दावों से भिन्न दिखाई दी।

महंगी दाल, बटर और दूध की कीमतें स्थिर

मीना मार्केट के एक किराना दुकानदार मनीष ने बताया कि मधुसूदन देशी घी का टिन 9280 रुपये में बिक रहा है। जीएसटी में कमी की बात सुनकर उन्होंने कहा कि सोमवार को 30 रुपये प्रति लीटर की कमी आई थी, लेकिन मंगलवार को कंपनी ने 20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। प्रणामी जनरल स्टोर के संचालक ने बताया कि अरहर की दाल की कीमत पहले 90 रुपये प्रति किलो थी और अब भी वही है। इसी तरह, चीनी का 50 किलो का कट्टा 2150 रुपये का है। अमूल और पराग के दूध की कीमतें भी कम नहीं हुई हैं। दुकानदार राधेश्याम पाल का कहना है कि अभी पुराना स्टॉक है, जब नया माल आएगा, तब अंतर दिखेगा। फारच्यून रिफाइंड के टिन की कीमत पिछले महीने से 1960 रुपये और रविंद्रा तेल की 2517 रुपये है।

दुकानदारों की शिकायत के लिए हेल्पलाइन

राज्यकर के अपर आयुक्त ग्रेड-1 एके सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारी बाजारों की निगरानी कर रहे हैं। यदि कोई दुकानदार जीएसटी की नई दरों के अनुसार सामान नहीं देता है, तो ग्राहक व्हाट्सएप नंबर 8800001915 पर शिकायत कर सकते हैं या 1915 पर कॉल कर सकते हैं। स्थानीय जीएसटी कार्यालय में भी शिकायत की जा सकती है। सरकार के निर्देशों के अनुसार, निर्माता कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि दुकानदारों को पुराने स्टॉक को भी नई दरों पर बेचना चाहिए। उदाहरण के लिए, पार्ले-जी से लेकर अंकल चिप्स तक सभी के दाम कम होने चाहिए। यदि स्थानीय स्तर पर शिकायतें मिलती हैं, तो विभाग कार्रवाई करेगा।

इन उत्पादों पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर 5% की गई है। सामान्य दवाओं की दर भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है।
पीतल और अन्य धातु उत्पादों पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है।