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जुलाई 2025 में यात्री वाहन बिक्री में स्थिरता, त्योहारों पर नजरें

जुलाई 2025 में भारत के यात्री वाहन उद्योग में स्थिरता देखी गई, जहां थोक बिक्री 3.48 लाख इकाइयों तक पहुँचने की संभावना है। हालांकि, मांग में कमी और आर्थिक चुनौतियों ने बाजार पर दबाव डाला है। मारुति सुजुकी की बिक्री में मामूली वृद्धि हुई, लेकिन यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में गिरावट आई। त्योहारों का मौसम निकट है, जो वाहन निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण बिक्री अवधि है। जानें इस स्थिति का विस्तृत विश्लेषण।
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जुलाई 2025 में यात्री वाहन बिक्री में स्थिरता, त्योहारों पर नजरें

जुलाई 2025 यात्री वाहन बिक्री की स्थिति


जुलाई 2025 में यात्री वाहन बिक्री: जुलाई में यात्री वाहन क्षेत्र में सुस्ती देखी गई, और पिछले महीने की गिरावट के बाद थोक और खुदरा बिक्री दोनों में वर्ष-दर-वर्ष स्थिरता का अनुमान है। इस महीने घरेलू यात्री वाहनों की थोक बिक्री 3.48 लाख इकाइयों तक पहुँचने की संभावना है, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में यह संख्या 3.44 लाख थी।


हालांकि, मांग में कमी और व्यापक आर्थिक चुनौतियों ने बाजार पर दबाव डाला है। देश की प्रमुख कार निर्माता कंपनी, मारुति सुजुकी इंडिया ने जुलाई में 1,37,776 पीवी वाहनों की थोक बिक्री की, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1,37,463 इकाइयों से थोड़ी वृद्धि दर्शाती है। कंपनी की कॉम्पैक्ट कारों की बिक्री में अच्छी वृद्धि हुई, लेकिन यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में साल-दर-साल 6% की गिरावट आई।


इस वर्ष यात्री वाहनों की बिक्री में कमी आई है, जिससे प्रवेश स्तर की कारों की मांग में लगातार कमजोरी देखी जा रही है। इसके परिणामस्वरूप बाजार में नए खरीदारों की संख्या बढ़ी है, और उच्च आधार प्रभाव जैसे कारक भी शामिल हैं।


मारुति सुजुकी के विपणन एवं बिक्री के वरिष्ठ अधिकारी, पार्थो बनर्जी ने बताया कि सभी मॉडलों में मानक रूप से छह एयरबैग जोड़ने के कारण लागत में वृद्धि हुई है, जिससे कुछ चुनौतियाँ उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री वृद्धि पिछले वर्ष के लगभग 10% की तुलना में घटकर 2-3% रह गई है। इसके अलावा, आईटी क्षेत्र में मंदी और अन्य अनिश्चितताओं के कारण शहरी क्षेत्रों में भी चुनौतियाँ बढ़ी हैं।


भारत में यात्री वाहनों की बिक्री में एसयूवी की हिस्सेदारी आधे से अधिक है। बनर्जी ने कहा कि एंट्री-लेवल कारों की कमजोरी उद्योग के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है।


भारत में त्योहारों का मौसम अगस्त के अंत या सितंबर की शुरुआत में गणेश चतुर्थी या ओणम से शुरू होता है और अधिकांश राज्यों में नवंबर में दिवाली के बाद भाई दूज तक चलता है। श्राद्ध समाप्त होने से लेकर दिवाली तक का समय त्योहारों का चरम मौसम माना जाता है।


यह अवधि वाहन निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस समय उनकी वार्षिक बिक्री का एक बड़ा हिस्सा होता है, क्योंकि उपभोक्ता सांस्कृतिक महत्व के कारण इस दौरान बड़ी खरीदारी करते हैं।