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डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: व्यापारिक तनाव में कमी की उम्मीद

दक्षिण कोरिया के बुसान में डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात को वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों नेताओं ने व्यापारिक तनाव को कम करने और सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। इस बैठक के बाद अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएं बढ़ गई हैं। जानें इस ऐतिहासिक मुलाकात के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात: व्यापारिक तनाव में कमी की उम्मीद

महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन


नई दिल्ली: दक्षिण कोरिया के बुसान में गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जो लंबे समय के बाद आयोजित की गई। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से एक-दूसरे का स्वागत किया। इस मुलाकात को वैश्विक राजनीति और व्यापारिक संबंधों के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव का प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।


साझेदारी का संदेश

बैठक की शुरुआत में शी जिनपिंग ने कहा कि अमेरिका और चीन हर मुद्दे पर सहमत नहीं हो सकते, लेकिन उन्हें साझेदार और मित्र बने रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मतभेदों के बावजूद संवाद बनाए रखना आवश्यक है। ट्रंप ने जिनपिंग को एक महान नेता बताते हुए कहा कि उनके रिश्ते लंबे समय तक मजबूत रहेंगे। इस सकारात्मक दृष्टिकोण ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी राहत का संकेत दिया है।


व्यापारिक तनाव में कमी की संभावना

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते पर सहमति बनने की संभावनाएं बढ़ रही हैं। दोनों देशों के बीच दुर्लभ खनिज तत्वों को लेकर विवाद चल रहा था, जिसमें चीन ने निर्यात पर अंकुश लगाने के संकेत दिए थे, जिससे अमेरिकी टेक उद्योग प्रभावित हो सकता था। अब इस बैठक के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देश किसी समझौते की दिशा में बढ़ सकते हैं। अमेरिकी वाणिज्य मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि उनके अधिकारी चीन के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि इन खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंधों को रोका जा सके।


जिनपिंग का संतुलन का संदेश

शी जिनपिंग ने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन उन्हें संवाद और सहयोग के माध्यम से सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी परिस्थितियां भिन्न हैं, लेकिन हमें स्थिरता और संतुलन बनाए रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। चीन का विकास और अमेरिका का 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का लक्ष्य एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।


ट्रंप का कड़ा संदेश

हालांकि, बैठक से पहले ट्रंप ने एक कड़ा संदेश भी दिया। उन्होंने घोषणा की कि उन्होंने रक्षा विभाग को परमाणु हथियारों के परीक्षण की तैयारी का आदेश दिया है। यह निर्णय रूस और चीन के हालिया सैन्य परीक्षणों के जवाब में लिया गया है।


छह साल बाद की मुलाकात

यह मुलाकात छह साल बाद हो रही है। पिछली बार दोनों नेता ट्रंप के पहले कार्यकाल में मिले थे। इस बैठक को आपसी विश्वास को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। चीन ने संकेत दिया है कि वह अमेरिका से सोयाबीन की खरीद फिर से शुरू कर सकता है, जिससे अमेरिकी किसानों को राहत मिलेगी।