डोनाल्ड ट्रंप के 100% टैरिफ का क्रिप्टो और शेयर बाजार पर बड़ा असर

क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट
क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा ने वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी हलचल पैदा कर दी है। जैसे ही यह खबर आई, बिटकॉइन, एथेरियम, और डॉज कॉइन जैसी प्रमुख डिजिटल मुद्राओं के मूल्य में तेजी से गिरावट आई। इस गिरावट ने निवेशकों को अरबों डॉलर के नुकसान में डाल दिया। यह अब तक की सबसे बड़ी सामूहिक बिकवाली मानी जा रही है, जिसमें कुछ ही घंटों में कई अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
शेयर बाजार पर भी प्रभाव
शेयर बाजार में गिरावट: ट्रंप के इस निर्णय का प्रभाव केवल क्रिप्टोकरेंसी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अमेरिकी शेयर बाजार में भी भारी गिरावट देखी गई। NVIDIA, टेस्ला, और अमेजन जैसी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में दबाव पड़ा। इस दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिससे संकेत मिला कि निवेशक तेजी से अपनी पोजीशन्स बेच रहे हैं। इस बेचैनी ने वित्तीय स्थिरता को चुनौती दी है और वैश्विक निवेशकों के लिए नई चिंताएं उत्पन्न की हैं।
लीवरेज्ड पोजीशन्स का प्रभाव
लीवरेज्ड पोजीशन्स का संकट: विशेषज्ञों का मानना है कि इस संकट का एक बड़ा कारण क्रिप्टो ट्रेडर्स द्वारा लीवरेज्ड पोजीशन्स का तेजी से बंद होना था। इससे बड़े पैमाने पर लिक्विडेशन हुआ, जिसने बाजार को और नीचे धकेल दिया। बिटकॉइन की कीमत 8 प्रतिशत गिरकर लगभग $1,11,543 पर पहुंच गई, जबकि एथेरियम ने 12.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। कुल क्रिप्टो मार्केट कैप 4.30 ट्रिलियन डॉलर से घटकर 3.74 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो इस बिकवाली का स्पष्ट संकेत है।
टैरिफ का आर्थिक प्रभाव
टैरिफ की घोषणा: ट्रंप ने अपनी योजना का खुलासा करते हुए कहा कि 1 नवंबर 2025 से चीन से आने वाले महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर और वस्तुओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। यह कदम चीन के रेयर अर्थ संसाधनों पर लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में उठाया गया है। इस फैसले ने वैश्विक व्यापार और आर्थिक सहयोग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनाव भविष्य में आर्थिक बाजारों की दिशा और स्थिरता पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, विशेषकर क्रिप्टो और तकनीकी शेयरों में।
निवेशकों की चिंता
इस स्थिति ने निवेशकों के बीच चिंता और अनिश्चितता का माहौल बना दिया है। ट्रंप के टैरिफ के कारण क्रिप्टोकरेंसी और शेयर बाजार दोनों ही अस्थिरता का सामना कर रहे हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह आर्थिक विवाद बाजारों को किस प्रकार प्रभावित करता है और निवेशक कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।