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तेज बारिश से सब्जियों के दाम में भारी वृद्धि, आलू की बुवाई पर संकट

हाल ही में हुई तेज बारिश के कारण हिसार में सब्जियों की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। स्थानीय सब्जियों की उपलब्धता में कमी आई है, जिससे दाम आसमान छूने लगे हैं। आलू की बुवाई पर भी संकट मंडरा रहा है, खासकर पंजाब में। जानें इस स्थिति का क्या असर होगा और सब्जियों के दाम किस प्रकार प्रभावित हो रहे हैं।
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तेज बारिश से सब्जियों के दाम में भारी वृद्धि, आलू की बुवाई पर संकट

हिसार में सब्जियों की कीमतों में उछाल

हिसार। खेतों में जलभराव और लगातार हो रही बारिश के चलते स्थानीय सब्जियों की उपलब्धता में कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप सब्जियों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। आलू, प्याज और पेठे को छोड़कर अन्य सभी सब्जियों की कीमतें 50 रुपए प्रति किलो से कम नहीं हैं, जबकि कुछ सब्जियों की कीमतें 120 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।


महंगाई का असर

महंगाई की मार


जो सब्जियां पहले 10 से 20 रुपए प्रति किलो बिकती थीं, अब उनकी कीमत 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। घीया की कीमत भी 70 से 80 रुपए प्रति किलो हो गई है। अन्य सब्जियों के दाम भी कम नहीं हैं, जैसे कि टींडा 110 से 120 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। इसके साथ ही फलों की कीमतों में भी वृद्धि देखी जा रही है।


सब्जियों की कमी

मोरनी से आ रही गोभी और बैंगलोर व नासिक से आ रहा टमाटर सब्जी मंडी के आढ़ती ललित राड़ा के अनुसार, स्थानीय सब्जियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं। बारिश और बाढ़ का इन पर गहरा असर पड़ा है। वर्तमान में केवल सिवानी से कुछ सब्जियां जैसे ग्वार और मक्की हिसार में पहुंच रही हैं।


इसके अलावा, गोभी मोरनी से आ रही है और कुछ गोभी यूपी से भी आ रही है। टमाटर भी विभिन्न स्थानों से आ रहा है, जिसमें बैंगलोर और नासिक शामिल हैं। राजस्थान के टोंक से भी कुछ सब्जियां यहां पहुंच रही हैं। फलों में सेब कश्मीर और हिमाचल से आ रहा है।


पंजाब में आलू की खेती पर संकट

पंजाब में आलू की खेती इस बार उम्मीद कम


मंडी में आढ़तियों का कहना है कि पंजाब में अक्टूबर-नवंबर में आलू की बुवाई होती है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आलू की बुवाई करना मुश्किल हो रहा है, जिससे आलू की कीमतों में वृद्धि की संभावना है। हालांकि, यूपी में आलू की खेती होती है, लेकिन इस बार पंजाब से आलू मिलने की उम्मीद कम है।