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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा संघर्ष का समाधान: वार्ता की सहमति

थाईलैंड और कंबोडिया ने अपने चार दिवसीय सीमा संघर्ष को समाप्त करने के लिए मलेशिया में बातचीत करने का निर्णय लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद, दोनों देशों के नेताओं ने युद्धविराम की दिशा में कदम बढ़ाने का आश्वासन दिया है। इस संघर्ष में अब तक 33 सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं, जिससे मानवीय संकट उत्पन्न हो गया है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और दोनों देशों की प्रतिक्रियाएँ।
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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा संघर्ष का समाधान: वार्ता की सहमति

सीमा संघर्ष का अंत

थाईलैंड और कंबोडिया ने अपने चार दिवसीय सीमा संघर्ष को समाप्त करने के लिए सोमवार को मलेशिया में बातचीत करने का निर्णय लिया है। यह सहमति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोनों देशों के नेताओं पर युद्धविराम के लिए दबाव डालने के बाद बनी है।


वार्ता में भागीदारी

शनिवार को ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद, थाईलैंड ने रविवार को पुष्टि की कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता में शामिल होगा। थाई सरकार ने बताया कि मलेशिया ने उन्हें सूचित किया है कि कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट भी इस बैठक में भाग लेंगे।


जान-माल का नुकसान

24 जुलाई को सीमा पर शुरू हुई इस लड़ाई में अब तक कम से कम 33 सैनिक और नागरिक मारे गए हैं, जबकि हजारों थाई और कंबोडियाई नागरिक विस्थापित हुए हैं। यह मानवीय संकट दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा रहा है।


ट्रंप का हस्तक्षेप

अपने स्कॉटिश गोल्फ कोर्स के दौरे के दौरान, राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि दोनों देश 'तुरंत मिलने और युद्धविराम तथा शांति स्थापित करने पर सहमत हुए हैं!'


दोनों देशों की प्रतिक्रिया

दोनों देशों ने ट्रंप की चिंता और प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया, हालांकि रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक गोलाबारी जारी रही। कंबोडिया ने युद्धविराम के अनुरोध को स्वीकार कर लिया, जबकि थाईलैंड ने बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया।


सीमा संघर्ष के कारण

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर लंबे समय से तनाव रहा है, जो अक्सर क्षेत्रीय दावों और ऐतिहासिक विवादों से जुड़ा होता है। कंबोडिया ने पहले ही युद्धविराम का प्रस्ताव रखा था; उसकी सेना थाईलैंड की तुलना में कमजोर है और थाई तोपखाने की बमबारी और हवाई हमलों में उसे नुकसान हो रहा है।


प्रधानमंत्री मानेट का बयान

प्रधानमंत्री मानेट ने फ़ोन कॉल के बाद कहा, 'मैंने [ट्रंप] को स्पष्ट कर दिया है कि कंबोडिया दोनों सशस्त्र बलों के बीच तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम के प्रस्ताव से सहमत है।' उन्होंने आगे कहा कि ट्रंप की मध्यस्थता 'वास्तव में कई सैनिकों और नागरिकों के जीवन की रक्षा करने में मददगार होगी'।


थाईलैंड की स्थिति

दूसरी ओर, थाईलैंड का कहना है कि वह युद्धविराम पर विचार करने को तैयार है, लेकिन अपनी पिछली मांग पर अड़ा हुआ है कि कंबोडिया के साथ बातचीत पहले होनी चाहिए।


थाई विदेश मंत्रालय का बयान

थाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'वेचायाचाई ने राष्ट्रपति ट्रंप को उनकी चिंता के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि थाईलैंड सैद्धांतिक रूप से युद्धविराम के लिए सहमत है। हालांकि, थाईलैंड कंबोडियाई पक्ष से ईमानदार इरादे देखना चाहेगा।'