दिवाली पर म्यूचुअल फंड: एक अनोखा तोहफा देने का तरीका

दिवाली का खास तोहफा
नई दिल्ली: दिवाली का त्योहार करीब है, और यदि आप इस बार अपने प्रियजनों को मिठाई या कपड़ों के बजाय कुछ ऐसा उपहार देना चाहते हैं जो उनके भविष्य को सुरक्षित करे, तो म्यूचुअल फंड एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। यह न केवल एक समझदारी भरा वित्तीय उपहार है, बल्कि यह आपके प्रियजनों में निवेश की आदत भी विकसित कर सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि अब इस उपहार को देने के लिए डीमैट अकाउंट की आवश्यकता नहीं है।
म्यूचुअल फंड कैसे गिफ्ट करें (बिना डीमैट)?
बिना डीमैट अकाउंट के म्यूचुअल फंड यूनिट्स को गिफ्ट करना बहुत आसान है। इसके लिए आपको संबंधित म्यूचुअल फंड कंपनी (AMC) या उनके रजिस्ट्रार (RTA) से 'ट्रांसफर रिक्वेस्ट फॉर्म' प्राप्त करना होगा। इस फॉर्म में आपको अपनी जानकारी जैसे फोलियो नंबर, स्कीम का नाम और ट्रांसफर की जाने वाली यूनिट्स की संख्या भरनी होगी। इसके साथ ही, जिस व्यक्ति को आप यह उपहार दे रहे हैं, उसका PAN, KYC और बैंक विवरण भी देना आवश्यक है। फंड हाउस द्वारा आवश्यक वेरिफिकेशन के बाद आपकी रिक्वेस्ट मंजूर कर ली जाएगी और यूनिट्स सीधे रिसीवर के फोलियो में ट्रांसफर कर दी जाएंगी, जिसकी पुष्टि के लिए दोनों पक्षों को एक स्टेटमेंट भेजा जाएगा।
गिफ्ट पर टैक्स नियम
म्यूचुअल फंड गिफ्ट करना कानूनी रूप से मान्य है, लेकिन इसके टैक्स नियमों को समझना आवश्यक है। आयकर नियमों के अनुसार, यदि आप अपने 'निकट संबंधियों' (जैसे पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता या भाई-बहन) को म्यूचुअल फंड यूनिट्स गिफ्ट करते हैं, तो यह पूरी तरह से टैक्स-फ्री होता है। हालांकि, यदि यह गिफ्ट किसी मित्र या अन्य रिश्तेदार को दिया जाता है और इसकी कुल कीमत एक वित्तीय वर्ष में ₹50,000 से अधिक है, तो यह रकम पाने वाले व्यक्ति की आय में जोड़ी जाएगी और उसे इस पर अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा। इसके अलावा, रिसीवर जब भी इन यूनिट्स को बेचेगा, तो उसे हुए मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करना होगा।
गिफ्ट करते समय ध्यान देने योग्य बातें
म्यूचुअल फंड गिफ्ट करने की प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना आवश्यक है। सबसे पहले, गिफ्ट देने वाले और लेने वाले दोनों का KYC पूरा होना चाहिए। इसके अलावा, रिसीवर के पास उस फंड हाउस (AMC) में एक फोलियो नंबर होना चाहिए; यदि नहीं है, तो ट्रांसफर से पहले एक नया फोलियो आसानी से खोला जा सकता है। अंत में, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी स्कीमों को गिफ्ट नहीं किया जा सकता; कुछ विशेष स्कीमों जैसे ELSS (टैक्स सेविंग फंड) या क्लोज्ड-एंडेड फंड्स में एक निश्चित लॉक-इन पीरियड होता है, जिसके दौरान यूनिट्स का ट्रांसफर संभव नहीं है।