दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में अमेरिका और चीन का वर्चस्व
वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में अमेरिका और चीन का प्रभाव
बैंकों का आकार और उनका बाजार पूंजीकरण किसी देश की आर्थिक स्थिति का महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं। वर्तमान में, दुनिया के 15 सबसे बड़े बैंकों में अमेरिका और चीन का प्रमुख स्थान है। 15 अगस्त तक, जेपी मॉर्गन चेज़ ने 794.01 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ पहले स्थान पर है, जबकि चीन का आईसीबीसी 355.86 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर है। भारत का एचडीएफसी बैंक इस सूची में 12वें स्थान पर है, लेकिन शीर्ष 10 में कोई भारतीय बैंक नहीं है। यह वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में शक्ति संतुलन को दर्शाता है।वित्तीय क्षेत्र में कुछ देशों का दबदबा स्पष्ट है, जिसमें अमेरिका के बैंकों की बड़ी हिस्सेदारी है। जेपी मॉर्गन चेज़ का बाजार पूंजीकरण आईसीबीसी से दोगुना है, जो अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र की वित्तीय मजबूती को दर्शाता है।
इस सूची में सात अमेरिकी बैंक शामिल हैं, जिनमें जेपी मॉर्गन चेज़, बैंक ऑफ अमेरिका, वेल्स फार्गो, मॉर्गन स्टेनली, गोल्डमैन सैक्स, चार्ल्स श्वाब और सिटीग्रुप शामिल हैं। यह दर्शाता है कि अमेरिकी वित्तीय प्रणाली कितनी विशाल है।
चीन के चार बड़े सरकारी बैंक भी इस सूची में शामिल हैं, जैसे आईसीबीसी, बैंक ऑफ चाइना, चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक और एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना। यह चीन के तेजी से विकसित होते वित्तीय क्षेत्र की मजबूती को दर्शाता है।
इसके अलावा, ब्रिटेन का एचएसबीसी, ऑस्ट्रेलिया का कॉमनवेल्थ बैंक और कनाडा का रॉयल बैंक ऑफ कनाडा भी इस सूची में शामिल हैं। भारत के एचडीएफसी बैंक का नाम भी इस सूची में है, जो भारतीय वित्तीय क्षेत्र की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है। हालांकि, इन बैंकों का बाजार पूंजीकरण अमेरिका और चीन के शीर्ष बैंकों की तुलना में काफी कम है।
यह स्थिति यह दर्शाती है कि अमेरिका और चीन वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रमुख स्थान रखते हैं। आने वाले समय में, इन देशों के बैंक वैश्विक वित्तीय परिदृश्य में अपनी स्थिति बनाए रखेंगे।