नेपाल की राजनीति में नया मोड़: विशेषज्ञों को मिली मंत्री पद की जिम्मेदारी

नेपाल में राजनीतिक बदलाव
नेपाल की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला परिवर्तन आया है, जो वर्तमान में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अपनी अंतरिम सरकार का विस्तार करते हुए तीन ऐसे व्यक्तियों को मंत्री बनाया है, जो राजनीति में नहीं, बल्कि अपने-अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ हैं। यह कदम नेपाल की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है।इस मंत्रिमंडल में सबसे प्रमुख नाम कुलमान घिसिंग का है। घिसिंग नेपाल में एक नायक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने नेपाल बिजली प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य करते हुए देश को लंबे समय तक चलने वाले पावर कट से बाहर निकाला। अब, प्रधानमंत्री ओली ने उन्हें ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्री के रूप में नियुक्त किया है। लोगों का मानना है कि जो व्यक्ति पूरे देश को रोशन कर सकता है, वह इस पद का सबसे योग्य उम्मीदवार है।
इसके अलावा, दो अन्य महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी विशेषज्ञों को सौंपी गई है। कानून मंत्री के रूप में ओम प्रकाश अर्याल, जो एक प्रतिष्ठित वकील हैं, को नियुक्त किया गया है। वहीं, रामेश्वर खनाल, जो एक ईमानदार पूर्व वित्त सचिव हैं, को वित्त मंत्री बनाया गया है।
क्या यह 'टेक्नोक्रेट सरकार' की शुरुआत है? प्रधानमंत्री ओली का यह निर्णय दर्शाता है कि वे देश की बड़ी समस्याओं (जैसे बिजली, कानून, अर्थव्यवस्था) को सुलझाने के लिए राजनीतिक दबाव से ऊपर उठकर विशेषज्ञों पर भरोसा कर रहे हैं। यह एक 'टेक्नोक्रेट सरकार' बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां योग्यता को राजनीतिक अनुभव से अधिक महत्व दिया जा रहा है। अब देखना यह है कि नेपाल की यह नई 'ड्रीम टीम' देशवासियों की उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है।