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पंजाब में पराली प्रबंधन में ऐतिहासिक सफलता: किसानों ने घटाई जलाने की घटनाएं

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में पराली जलाने की घटनाओं में 95% की कमी आई है। ICAR के महानिदेशक ने किसानों की सराहना की है, जिन्होंने नई तकनीकों और मशीनों के माध्यम से इस समस्या का समाधान किया है। अब दिल्ली की हवा के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराना गलत है। यह सफलता पूरे देश के लिए एक नया मानक स्थापित करती है।
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पंजाब में पराली प्रबंधन में ऐतिहासिक सफलता: किसानों ने घटाई जलाने की घटनाएं

पंजाब में पराली प्रबंधन की सफलता

पराली जलाने में कमी लुधियाना। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में पराली प्रबंधन में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसने पूरे देश को चौंका दिया है। लुधियाना में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक ने किसानों से बातचीत के दौरान बताया कि पिछले पांच वर्षों में पंजाब के किसानों ने ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनकी सराहना पूरे देश में हो रही है।


पराली जलाने की घटनाओं में कमी

साल 2020 में देशभर में पराली जलाने की एक लाख से अधिक घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनमें से लगभग 83 हजार केवल पंजाब में थीं। अब यह संख्या घटकर लगभग 4,700 रह गई है, जो कि 95 प्रतिशत की कमी दर्शाती है। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि पंजाब के किसानों ने पराली जलाने की आदत को लगभग समाप्त कर दिया है।


दिल्ली की हवा पर किसानों का आरोप गलत

ICAR के महानिदेशक ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब दिल्ली की वायु गुणवत्ता के लिए पंजाब के किसानों को जिम्मेदार ठहराना गलत है। किसान अब इस बदनामी को सहन करने के लिए तैयार नहीं हैं। AAP सरकार ने पराली प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि हजारों मशीनों का वितरण, प्रशिक्षण कार्यक्रम, जागरूकता अभियान और कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना।


सफलता की कहानी का निर्माण

वैज्ञानिकों, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU), GADVASU, कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य सरकार ने मिलकर जो प्रयास किए, उसका परिणाम आज सबके सामने है। ICAR के प्रमुख ने किसानों की सराहना करते हुए कहा कि जिस प्रकार पंजाब ने हरित क्रांति में नेतृत्व किया, उसी तरह आज पराली जलाने की समस्या को भी लगभग समाप्त कर दिया है। यह पूरे देश के लिए एक नया मानक है।